Income Tax Department
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-शैलेंद्र सिंह 

पुणे: गुरुवार की सुबह से ही आयकर विभाग (IT) के अधिकारियों द्वारा पुणे (Pune) के कई नामी-गिरामी भवन निर्माताओं (Pune Builders) पर छापेमारी (Raid) चलती रही। जानकारी के मुताबिक, जिन भवन निर्माताओं पर छापेमारी की गई है, उनके बारे में आयकर विभाग (Income Tax Department) के पास कथित तौर पर वित्तीय लेन-देन में अनियमितताओं सम्बन्धी जानकारी थी।

आयकर विभाग के पास सम्बंधित मामले की जानकारी मिलने के बाद अतिरिक्त निदेशक महेंद्र बिश्नोई के नेतृत्व में आयकर विभाग के लगभग 60 से 70 अधिकारियों और कर्मचारियों की टीम ने पुणे के चार बड़े भवन निर्माताओं के घरों और दफ्तरों पर छापा मारा। खबर लिखे जाने तक आयकर विभाग की यह छापेमारी जारी थी। जानकारी के मुताबिक, जीके एसोसिएट, एएनपी ग्रुप, लिगेसी ग्रुप और आदि ग्रुप के ठिकानों पर ये छापेमारी की गई।

कई दस्तावेज लिए जप्त

नाम नहीं छापने के शर्त पर आयकर विभाग के एक सूत्र ने बताया कि कथित अनियमितताओं में जमीनों की खरीद और फ्लैटों को बेचने में बड़े पैमाने पर नकद आर्थिक लेन-देन हुई है और इन्ही लेन दें के चक्कर में आयकर विभाग द्वारा यह छापेमारी की जा रही हैं। पुणे के सिटी कॉरपोरेशन के बाद साल 2023 में आयकर विभाग की दूसरी बड़ी छापेमारी है। जानकारी के मुताबिक, आयकर विभाग के कर्मचारियों ने इस छापेमारी के दौरान कई लैपटॉप समेत हार्ड डिस्क और दस्तावेज अपने कब्जे में लिए हैं। जब्त किए गए सामानों और कथित अनियमताओं की सही जानकारी छापेमारी की कार्रवाई पूरी होने के बाद ही मिल सकेगी। 

भवन निर्माण कंपनियों से संपर्क करने की कोशिश रही विफल 

खबर लिखने से पहले सभी भवन निर्माताओं के अधिकारियों से संपर्क करने की कोशिश की। कुछ ने फ़ोन नहीं उठाया तो कुछ ने पारिवारिक परेशानी का हवाला देते हुए थोड़ी देर बाद बात करने को कहा। बार-बार फोन करने और मैसेज भेजने के बाद भी उनकी तरफ से कोई उत्तर नहीं मिल सका है। दरअसल आयकर विभाग पूरी तरह से फेस लेस हो चुका है। पिछले दिनों सेंट्रल बोर्ड ऑफ़ डायरेक्ट टैक्सेशन की समीक्षा बैठक के दौरान वित्त मंत्री ने कहा था कि फेस लेस का गलत फायदा उठाने वाले करदाताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। जिसके बाद पुणे में आयकर विभाग द्वारा यह पहली कार्रवाई समझी जा रही है।