Drugs Demand in Pune

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  • गरीबों में गांजा और हाई सोसायटी में एमडी की डिमांड 
  • नशे में हाई होने के शौक ने पुणे को बनाया नया शिकार 

पुणे: पुणे (Pune) में नशीला पदार्थ (Drugs) गांजा और मेफेड्रोन (MD) की तस्करी सर्वाधिक होने की जानकारी पुणे पुलिस की कार्रवाई (Police Report) में सामने आई है। पिछले वर्ष पुणे से करीब 1200 किलो से अधिक गांजा और साढ़े तीन किलो से अधिक एमडी ड्रग्ज पकड़ा है। इसके साथ ही अफीम और डोडा पाउडर, चरस और कोकीन की भी मांग (Demand) देखने को मिल रही है। इससे पूर्व पिछले कुछ वर्षों से पुणे में बड़ी मात्रा में गांजा पकड़ा जा रहा है। लेकिन पिछले वर्ष एमडी बड़ी मात्रा में पकड़ी गई है। 

युवा आबादी वाला शहर
एमडी ड्रग्स के खिलाफ पुणे पुलिस की कार्रवाई से देश-प्रदेश में हड़कंप मच गया है। हालांकि, पिछले कुछ सालों से पुणे में ड्रग तस्कर सक्रिय नज़र आ रहे हैं। पिछले कुछ सालों में पुणे पुलिस ने कार्रवाई का जोर बढ़ा दिया है। इसके साथ ही महानगरों में शिक्षा और नौकरी के साथ-साथ खाली हाथों को काम मिलने से प्रदेश के कोने-कोने समेत विदेशों से भी युवा यहां आते हैं। पुणे की आबादी भी काफी है। सबसे ज्यादा युवा आबादी वाले इस शहर को ड्रग तस्कर जानते हैं, इसलिए उनकी नजर इस शहर पर है. पिछले कुछ वर्षों में पुणे पुलिस की कार्रवाइयों से यह बार-बार देखा गया है.

पुणे पुलिस ने 2023 में पिछले 10 साल में सबसे ज्यादा कार्रवाई की है. एक साल में 17 करोड़ 84 लाख की ड्रग्स जब्त की गई है। इसमें 215 अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है। जब्त की गई अधिकांश दवाएं गांजा और एमडी (मेफेड्रोन) हैं। 

आसानी से उपलब्ध है ड्रग्स
पुलिस के मुताबिक गांजा सबसे ज्यादा मजदूर वर्ग के बीच बेचा जाता है। इसलिए  कॉलेज के युवाओं, अभिजात वर्ग और आईटी और बड़े लोगों को अफीम, डोडा पाउडर और हशीश, कोकीन जैसी ड्रग्स भी बेचे जा रहे है। पुणे में मजदूर वर्ग बड़ा है। गांजा निर्माण वर्ग, मजदूरों और झुग्गी बस्तियों में बेचा जाता है। भांग सस्ती और आसानी से उपलब्ध है। गांजा 25, 50, 75 और 100 ग्राम के पैक में बेचा जाता है। 

एजेंटों और तस्करों पर फोकस
लगभग 25 ग्राम पाउडर 100 से 150 रुपये में मिल जाता है। एमडी के साथ-साथ देश के बाहर और शहर से अफीम, डोडा पाउडर और चरस और कोकीन जैसे ड्रग्स पुणे में बेचे जाते हैं।  कई बार देखा गया है कि सेलिंग एजेंट पुणे आ रहे हैं। पुलिस की कार्रवाई से पता चला था कि पुणे में भी कुछ एजेंट हैं। पुलिस लगातार इन एजेंटों और तस्करों पर फोकस कर कार्रवाई कर रही है हालांकि, अब तक की पुलिस कार्रवाई से ऐसा लग रहा है कि पिछले कुछ सालों से पुणे में गांजे की मांग बढ़ती जा रही है। पिछले कुछ सालों में एमडी जैसे ड्रग्स की भी मांग बढ़ी है।