डॉ. दिलीप सूर्यवंशी (प्राथमिक स्वास्थ्य अधिकारी, आढले) ने बताया, गालफुगी के लक्षण दिखाई देने पर घबराएं नहीं। यह बीमारी वायरल है और जल्दी ठीक हो सकती है। यदि आवश्यक हो तो आढले स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करें। हम आगे के इलाज के लिए तैयार हैं।
– अधिक मात्रा में द्रव पदार्थ पिएं
– नरम, पतला भोजन लें जो जल्दी से चबा सके
– गर्म नमक वाले पानी से गरारे करें
– लक्षण दिखते ही कम से कम 5 दिन तक खुद को दूसरों से दूर रखें
यह नहीं करना है
– बाहरी गतिविधियां जैसे काम करना, स्कूल जाना आदि कुछ दिनों के लिए बंद करे
– परिवार के सदस्यों को चाय के कप, गिलास या बर्तन साझा नहीं करे
– डॉक्टर की सलाह के बिना दवा न लें
– खट्टे फल जैसे खट्टे खाद्य पदार्थ खाने से बचें
– ऐसे खाद्य पदार्थ न खाएं जिन्हें बहुत अधिक चबाने की जरूरत हो
– बच्चों को स्कूल न भेजा जाए
गलसुआ के क्या हैं लक्षण (Mumps symptoms)
– यह रोग ‘पैरामिक्सोवायरस’ वायरस के कारण होता है
– इसका प्राथमिक लक्षण दोनों गालों की दर्दनाक सूजन है
-संक्रमण के 7 से 14 दिन बाद लक्षण विकसित होते हैं
– जबड़े में सूजन, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, मौजूदा दर्द, मुंह सूखना, भूख न लगना, बुखार, कमजोरी, भ्रम, चिड़चिड़ापन आदि
क्या सावधानियां बरतेंगे
– खांसते और सीखते समय अपना मुंह ढकें
– हाथों को बार-बार साबुन और साफ पानी से धोएं
– प्रभावी ‘ओवर द काउंटर’ दवाओं का उपयोग करें
– निर्धारित दवाएं समय पर लें