Mumps in Pune

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शिरगांव: पुणे (Pune) में शिरगांव के सोमाटणे और आसपास के सात गांवों में गलसुआ (Mumps) के रोगियों में वृद्धि हुई है। यह रोग संक्रामक है और मुख्यतः बच्चों में पाया जाता है। हालांकि, अगर समय रहते इसका सही इलाज किया जाए तो इसे ठीक किया जा सकता है। इसलिए आढले स्वास्थ्य विभाग ने बिना घबराए नागरिकों से उचित दवा लेने की अपील की है। 
 
कोविड काल के बाद बढ़ी बीमारियां 
कोविड काल के बाद भी नागरिकों को समय-समय पर नागरिक स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इसमें विभिन्न पुरानी बीमारियों के साथ-साथ कुछ नई बीमारियां भी शामिल हैं। इसलिए जन स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं का समाधान स्वास्थ्य विभाग के लिए हमेशा एक चुनौती रही है। पिंपरी-चिंचवड़ इलाके में पशुओं में लम्पी चर्म रोग और लोगों में आंखो की बीमारी के बाद गलसुआ चिंता का विषय बन गया है। 
 
 
सोमाटणे और आसपास के क्षेत्रों के शिरगांव, सालुंब्रे, दारुंब्रे, सांगवडे, गहुंजे, गोडुंब्रे आदि गांवों में गलसुआ के मामलों में वृद्धि हुई है। इस बीमारी के मरीज असल में मानसून या सर्दियों में पाए जाते हैं, लेकिन बदलते वातावरण के कारण इस बीमारी के लक्षण (Symptoms) दिखने की संभावना रहती है। ऐसा कहा जाता है कि प्रत्येक युवा और वृद्ध व्यक्ति अपने जीवन में कम से कम एक बार संक्रमित होता है। 

डॉ. दिलीप सूर्यवंशी (प्राथमिक स्वास्थ्य अधिकारी, आढले) ने बताया, गालफुगी के लक्षण दिखाई देने पर घबराएं नहीं। यह बीमारी वायरल है और जल्दी ठीक हो सकती है। यदि आवश्यक हो तो आढले स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करें। हम आगे के इलाज के लिए तैयार हैं। 

जानें कैसे करें बचाव (Prevention tips of Galsua)
– अधिक मात्रा में द्रव पदार्थ पिएं 
– नरम, पतला भोजन लें जो जल्दी से चबा सके
– गर्म नमक वाले पानी से गरारे करें
– लक्षण दिखते ही कम से कम 5 दिन तक खुद को दूसरों से दूर रखें

यह नहीं करना है
– बाहरी गतिविधियां जैसे काम करना, स्कूल जाना आदि कुछ दिनों के लिए बंद करे
– परिवार के सदस्यों को चाय के कप, गिलास या बर्तन साझा नहीं करे
– डॉक्टर की सलाह के बिना दवा न लें
– खट्टे फल जैसे खट्टे खाद्य पदार्थ खाने से बचें
– ऐसे खाद्य पदार्थ न खाएं जिन्हें बहुत अधिक चबाने की जरूरत हो
– बच्चों को स्कूल न भेजा जाए

गलसुआ के क्या हैं लक्षण (Mumps symptoms)
– यह रोग ‘पैरामिक्सोवायरस’ वायरस के कारण होता है
– इसका प्राथमिक लक्षण दोनों गालों की दर्दनाक सूजन है
-संक्रमण के 7 से 14 दिन बाद लक्षण विकसित होते हैं
– जबड़े में सूजन, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, मौजूदा दर्द, मुंह सूखना, भूख न लगना, बुखार, कमजोरी, भ्रम, चिड़चिड़ापन आदि

क्या सावधानियां बरतेंगे
– खांसते और सीखते समय अपना मुंह ढकें
– हाथों को बार-बार साबुन और साफ पानी से धोएं
– प्रभावी ‘ओवर द काउंटर’ दवाओं का उपयोग करें
– निर्धारित दवाएं समय पर लें