Ajit Pawar

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    पुणे : ओबीसी आरक्षण (OBC Reservation) और कोरोना संकट (Corona Crisis) को देखते हुए चर्चाएं गरम हैं कि आगामी महानगरपालिका चुनाव (Municipal Elections 2022) समय पर होंगे या नहीं।  इस पर स्पष्टीकरण देते हुए राज्य के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार (Deputy Chief Minister Ajit Pawar) ने कहा कि विधानमंडल के दोनों सभागृह में सभी दलों द्वारा आम राय से प्रस्ताव पास किया गया है कि जब तक कोरोना का संकट है, तब तक चुनाव (Elections) नहीं कराए जाएं। इस पर अब चुनाव आयोग (Election Commission) ही निर्णय लेगा। 

    पुणे में आयोजित कार्यक्रम के बाद उपमुख्यमंत्री और जिले के पालकमंत्री अजीत पवार ने प्रेसवार्ता ली।  विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव के चलते राज्यपाल से सख्त लहजे में पूछे गए सवाल पर अजीत पवार ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष पद के चुनाव के संदर्भ में राज्यपाल ने कुछ संवैधानिक बातों की ओर इंगित किया।  कोई भी चीज संविधान के दायरे में हो। 

    राज्यपाल  का अनादर नहीं करना था

    अजीत पवार ने कहा कि ऐसे में महाविकास आघाड़ी सरकार ने बहूमत के बावजूद, अध्यक्ष का चुनाव नहीं कराया क्योंकि हमें राज्यपाल  का अनादर नहीं करना था। वह संवैधानिक पद है। उनका सम्मान करना जरूरी था। महाविकास आघाड़ी सरकार में शामिल सभी दलों के प्रमुख नेता फिर से राज्यपाल से मिलेंगे।  उनको मना कर संविधान विशेषज्ञों के साथ सलाह मशविरा कर दो महीने बाद होने वाले अधिवेशन में अध्यक्ष पद का चुनाव कराएंगे।  ऐसा आश्वासन पवार ने दिया। 

    पुलिस अपने हिसाब से नितेश राणे पर कार्रवाई करेगी

    भाजपा विधायक नितेश राणे के मामले में पवार ने कहा कि कानून और व्यवस्था बनाए रखने को लेकर पवार ने कहा कि पुलिस को जो उचित लगेगा, वह पुलिस करेगी। महात्मा गांधी पर की गई विवादित टिप्पणी पर पवार ने कहा कि महात्मा गांधी पर अनुचित बोलना ठीक नहीं। हर किसी का मान, सम्मान, आदर करना चाहिए। संविधान ने हर किसी को बोलने का अधिकार दिया है, लेकिन उसका दुरूपयोग नहीं होना चाहिए।  यदि कोई विवादित बयान दे रहा है तो कानून के दायरे में उस पर कार्रवाई की जानी चाहिए। 

     कोरोना के चलते पाबंदियों पर जल्द फैसला

    कोरोना के चलते लगनेवाली पाबंदियों के बारे में पवार ने कहा कि मरीजों की संख्या बढ़ने पर पाबंदियों में सख्ती की जाती है। ओमीक्रोन का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। इसके बारे में अधिकारियों से जानकारी लूंगा। पहले कोरोना की टेस्टिंग करने वाले राज्य में 2 ही लैब थे, लेकिन आज यह बढ़कर 650 हो गए हैं।  ओमीक्रोन वेरिएंट की जांच के लिए लैब की संख्या कम है, उसे बढ़ाया जाएगा। जो लैब हैं, उनके कर्मियों को प्रशिक्षण दिया जायेगा।