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पिंपरी: वित्तीय वर्ष 2022-23 में पिंपरी-चिंचवड महानगरपालिका (Pimpri-Chinchwad Municipal Corporation) को महत्वपूर्ण संपत्ति कर (Property Tax), निर्माण परमिट, अग्निशमन यंत्र, जलापूर्ति, स्काई साइन लाइसेंस विभागों से बड़ी मात्रा में आय (Income) प्राप्त हुई है। इससे पिंपरी-चिंचवड महानगरपालिका मालामाल हो गई है और उसके खजाने में 1,863 करोड़ रुपए का राजस्व (Revenue) जमा हुआ है। इसमें अकेले संपत्ति कर विभाग(Property Tax Department) से पिंपरी-चिंचवड महानगरपालिका को 810 करोड़ रुपए की रिकॉर्ड आय (Record Income) हासिल हुई है। इस साल टैक्स कलेक्शन में 35 फीसदी ज्यादा टैक्स वसूला गया है। 

पिंपरी-चिंचवड महानगरपालिका को भवन अनुज्ञा विभाग से निर्माण अनुमति से 722 करोड़ रुपए की आय प्राप्त हुई है। वहीं अग्निशमन विभाग से 238 करोड़ रुपए की आय प्राप्त हुई है। जल आपूर्ति विभाग से पानी बिल के रूप में 57 करोड़ 58 लाख रुपए, प्राधिकरण के भूखंड हस्तांतरण शुल्क रुपए, विरासत रजिस्टर से 15 करोड़ रुपए, स्काई साइन और लाइसेंस विभाग से 17 करोड़ 75 लाख रुपए, भूमि एवं जीवन विभाग से 3 करोड़ 50 लाख रुपए की आय हुई है। इस तरह से पिंपरी-चिंचवड महानगरपालिका की तिजोरी में 1,863 करोड़ रुपए का राजस्व जमा हुआ है।

मनपा अधिकारियों को लोगों से रोजाना मिलने के आदेश

वहीं, प्रशासक राज में नागरिकों की बढ़ती शिकायतों को ध्यान में लेकर पिंपरी-चिंचवड महानगरपालिका के प्रशासक और कमिश्नर शेखर सिंह ने आदेश जारी किया है कि महानगरपालिका के सभी विभाग प्रमुख और अधिकारी रोजाना शाम 4 बजे से 5 बजे के बीच नागरिकों से मिलें। उनका वह समय नागरिकों के लिए आरक्षित होना चाहिए। साथ ही दौरों और विजिट के लिए सप्ताह के विशिष्ट दिन और समय निश्चित करने के निर्देश भी उन्होंने दिए हैं। महानगरपालिका कमिश्नर ने अधिकारियों को सभी कार्यालयों के नोटिस बोर्ड पर नागरिकों के लिए आरक्षित नियुक्ति समय प्रमुखता से प्रदर्शित करने को कहा है। प्रत्येक नागरिक को सुनने के लिए पर्याप्त समय दिया जाना चाहिए। असल में जनप्रतिनिधियों का कार्यकाल समाप्त होने से महानगरपालिका में प्रशासक शासन शुरू है। नागरिक, सामाजिक कार्यकर्ता, पूर्व पार्षद, पदाधिकारी, ठेकेदार और उनके प्रतिनिधि महानगरपालिका भवन में अधिकारियों व विभागाध्यक्षों से मिलने आते हैं। हालांकि, अधिकारी दौरे, बैठक, साइट के दौरे, छुट्टी आदि जैसे विभिन्न कारणों से नागरिकों से नहीं मिल पाते हैं। इससे नाराजगी बढ़ रही है।