पुणे में MSRTC बस स्टेशनों से निजी बसों का संचालन

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    पुणे: पुणे (Pune) के शिवाजी नगर (Shivaji Nagar), स्वारगेट (Swargate) और पिंपरी (Pimpri) में महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (MSRTC) बस स्टेशनों से निजी बसों (Private Buses) के चलने की दुर्लभ तस्वीर देखने को मिली। आमतौर पर राज्य परिवहन अधिकारी एमएसआरटीसी के वित्तीय संकट के लिए निजी बस ऑपरेटरों को दोषी ठहराते हुए प्रतिबंध और दंडात्मक कार्रवाई की मांग करते हैं, लेकिन बुधवार के ये बसें एमएसआरटीसी के विभिन्न डिपो में यात्रियों को ले कर जाती हुई नजर आईं। 

    एमएसआरटीसी कर्मचारियों की जारी हड़ताल के मद्देनजर पुणे के चार प्रमुख सरकारी बस स्टेशनों से निजी ऑपरेटरों, स्कूल बसों और माल वाहक को चलने की विशेष अनुमति दी गयी है। क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी संजय सासाने ने बताया कि नागरिकों को राहत देने के लिए यह फैसला लिया गया है। उन्होंने बताया कि किराया राज्य परिवहन निगम की दरों के अनुसार लिया जा रहा है। आरटीओ अधिकारी और पुलिस स्थिति की निगरानी कर रहे थे, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि निजी ऑपरेटर यात्रियों से अधिक शुल्क न लें।

    ग्रामीण और शहरी इलाकों तक जा रही हैं बसें

    अधिकारियों ने बताया कि स्वारगेट बस अड्डे से कोल्हापुर, सांगली, सतारा, कराड और बेलगाम के लिए हर घंटे 20 बसों का संचालन किया जा रहा है। इसी तरह शिवाजी नगर से अकोला, जालना, रावत और विदर्भ और मराठवाड़ा के अन्य गंतव्यों के लिए बसें चल रही थीं। मुंबई के दादर, बोरीवली और कांदिवली के लिए पुणे स्टेशन से बसें ली जा सकती हैं। पिंपरी स्टेशन से रत्नागिरी, दापोली, खेड और महाड़ सहित अन्य स्थानों के लिए निजी बसें संचालित की जा रही थी।

    पीएमपीएमएल को भी ग्रामीण इलाकों तक बस चलाने के निर्देश

    सासाने ने कहा कि पुणे महानगर परिवहन महामंडल लिमिटेड (पीएमपीएमएल) को भी हड़ताल ख़त्म होने तक जिले के ग्रामीण इलाकों में बसें चलाने को कहा गया है।

    निजी ऑपरेटर नहीं लेंगे मुनाफ़ा

    पुणे बस एंड कार ओनर्स एसोसिएशन के किरण देसाई ने कहा कि यूनियन ने जनता को होने वाली असुविधा को कम करने के लिए सरकार के अनुरोध के अनुसार बसों को संचालित करने का निर्णय लिया है। चूंकि MSRTC का किराया कम है, इसलिए ऑपरेटर इस ऑपरेशन से कोई मुनाफा नहीं कमाएंगे।

    राज्य सरकार के साथ विलय की मांग 

    श्रमिक संघ द्वारा हड़ताल के आह्वान के बाद सोमवार मध्य रात्रि (7 और 8 नवंबर की मध्यरात्रि) से MSRTC की बसें सड़कों से नदारद हैं। तब से पुणे और पिंपरी-चिंचवड़ के चार स्टेशनों से रोजाना 2,600 से अधिक बस यात्राएं रद्द कर दी गईं, जिससे परिवहन निकाय को भारी नुकसान हुआ। MSRTC कर्मचारी संघ राज्य सरकार के साथ आर्थिक-संकट वाली कंपनी के विलय की मांग कर रहा है, ताकि कर्मचारियों को राज्य सरकार के कर्मचारियों के बराबर वेतन मिल सके।