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    पुणे: पालकमंत्री चंद्रकांत पाटिल (Pune Guardian Minister Chandrakant Patil) द्वारा रिक्शा चालकों को दिया गया आश्वासन नहीं पूरा हुआ। इसलिए अवैध रैपिडो बाइक टैक्सियों (Rapido Bike Taxis) पर प्रतिबंध (Ban) लगाने की मांग को लेकर रिक्शा चालकों ने फिर एक बार आरटीओ कार्यालय (RTO Office) के सामने चक्काजाम आंदोलन किया। रिक्शा आंदोलन के कारण शहर की सड़कों पर कहीं भी रिक्शा नहीं दिखी। इस आंदोलन के कारण पुणेकरों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।

    रिक्शा चालकों ने अवैध बाइक टेक्सियों के खिलाफ दो सप्ताह पहले चक्काजाम आंदोलन कर विरोध प्रदर्शन किया था। इस आंदोलन में पुणे के हजारों रिक्शा चालकों ने भाग लिया था। इस चक्काजाम आंदोलन के कारण पुणे के निवासियों, वरिष्ठ नागरिकों, स्कूली छात्रों में भारी परेशानी का सामना करना पड़ा था। आंदोलनकर्ता रिक्शा चालकों को पालकमंत्री चंद्रकांत पाटील द्वारा अवैध रैपिडो बाईक टैक्सियों पर प्रतिबंध लगाने का आश्वासन दिया गया था। इस आश्वासन के बाद रिक्शा चालकों ने 12 दिसंबर तक आंदोलन वापस ले लिया था।

    2 दिसंबर तक का दिया था अल्टीमेटम

    हालांकि 12 दिसंबर तक बाइक और टैक्सियों के प्रतिबंध के खिलाफ कोई निर्णय नहीं हुआ। इसलिए रिक्शा चालकों ने पहले से ज्यादा तीव्र आंदोलन की घोषणा करके आरटीओ कार्यालय के सामने सोमवार को चक्काजाम आंदोलन किया। कृति समिति के 16 रिक्शा संगठनों के रिक्शा चालक इस आंदोलन में शामिल हुए हैं। इसके कारण संगम ब्रिज से वाकडेवाडी एसटी स्टैंड तक हजारों रिक्शों की कतारें लगी। आंदोलन स्थल पर भारी संख्या में रिक्शा चालक जमा हुए थे।