pune traffic jam

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    पुणे: रोजगार, शिक्षा के लिए पुणे शहर (Pune City)आने वालों की संख्या काफी अधिक है। इस वजह से शहर की आबादी तेजी से बढ़ रही है। पढ़ाई, नौकरी पर जाने के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट (Public Transport) व्यवस्था सक्षम नहीं होने के कारण नहीं चाहते हुए भी लोगों को खुद के वाहन खरीदने पड़ रहे हैं। इस वजह से हर वर्ष करीब सवा लाख वाहनों (Vehicles) का बोझ बढ़ रहा है। इस हिसाब से सड़क, अन्य सुविधाएं और ट्रैफिक पुलिस (Traffic Police) की संख्या बढ़ती नजर नहीं आ रही है। ऐसे में दिन-प्रतिदिन सुबह शाम भीड़भाड़ के समय ट्रैफिक जाम बढ़ता नजर आ रहा है। 

    ऐसे में कहीं भी जाते वक्त ट्रैफिक जाम का सामना करना पड़ सकता है। यह मानकर घर से आधे घंटे पहले बाहर निकलने की अपील की जा रही है।

    70 हजार से अधिक टू व्हीलर वाहनों की संख्या

    शहर में हर वर्ष करीब सवा लाख वाहनों का बोझ बढ़ रहा है। इनमें प्रमुख रुप से टू व्हीलर वाहनों की संख्या करीब 70 हजार से अधिक है। इसके साथ साथ 40 हजार कारों का भी बोझ बढ़ रहा है। पब्लिक ट्रांसपोर्ट में बसों की संख्या सैकड़ों में बढ़ रही है। इस तरह से हर दिन सड़क पर आने वाले प्राइवेट गाड़ियों की संख्या बढ़ रही है।

    मेट्रो का सुस्त काम

    शहर के दो छोर को जोड़ने वाली मेट्रो के निर्माण में काफी लापरवाही देखने को मिल रही है। अब तक केवल 5 किमी के वनाज से गरवारे कॉलेज तक का रुट शुरू हुआ है। इससे नियमित रूप से यात्रा करने वालों को कोई विशेष फायदा होता नजर नहीं आ रहा है।

    अपर्याप्त है कर्मचारियों की संख्या

    40 लाख की आबादी वाले पुणे शहर में फिलहाल 30 लाख से अधिक वाहन है। इसकी तुलना में केवल 925 ट्रैफिक पुलिस है। इसे देखते हुए हर साढ़े 3 हजार वाहनों पर एक ट्रैफिक पुलिस की संख्या काफी अपर्याप्त नजर आ रही है। बढ़ते वाहनों की संख्या की वजह से पार्किंग की जगह कम पड़ रही है। इस वजह से सड़क पर कहीं भी गाड़ियां पार्क करने के मामले बढ़े हैं, इसलिए नो पार्किंग जोन से गाड़ियों को उठाने के लिए ट्रैफिक विभाग ने प्राइवेट कंपनियों की मदद ली है।