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    पुणे : महाराष्ट्र (Maharashtra) के लिए स्वीकृत कई बड़ी परियोजनाओं का विरोध शिवसेना (Shiv Sena) द्वारा किया गया। नानार में तेल रिफाइनरी, वाढवण बंदरगाह, मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन (Bullet Train) और आरे में कारशेड जैसी महत्वाकांक्षी परियोजनाओं का विरोध किसने किया? इन परियोजनाओं के ठप होने से देश को हजारों करोड़ का नुकसान हुआ है। इस संबंध में महाविकास आघाड़ी (Maha Vikas Aghadi) को जवाब देना चाहिए। वेदांता के बारे में तभी सवाल पूछा जाना चाहिए, ऐसे शब्दो में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Union Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने पुणे में महाविकास आघाड़ी को चुनौती दी। 

    केंद्रीय वित्त मंत्री सीतारमण पुणे जिले में केंद्र की योजनाओं की समीक्षा के बाद विधान भवन में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में बोल रही थीं। उन्होंने कहा, ‘विरोधियों द्वारा अपनी नाकामी छिपाने के लिए वेदांता का मुद्दा गर्म किया जा रहा है। बुलेट ट्रेन के लिए जापान से सस्ता कर्ज मिलने वाला था। साथ ही कार शेड में देरी से प्रोजेक्ट की लागत चार हजार करोड़ रुपए बढ़ गई है। इसका श्रेय प्रधानमंत्री मोदी को मिलेगा, इसलिए बुलेट ट्रेन परियोजना का विरोध किया जा रहा है, ऐसा गंभीर आरोप निर्मला सीतारमण ने लगाया। 

    शरद पवार पर साधा निशाना

    ‘जिनसे सहकारीता में अच्छा काम करने की उम्मीद की गई थी, उन्होंने सहकारी क्षेत्र का इस्तेमाल केवल राजनीतिक के लिए किया। महाराष्ट्र के दिग्गज नेताओं ने स्वतंत्र सहकारिता मंत्रालय के लिए प्रयास नहीं किया। जब वो सत्ता में थे, तब सहकारिता के लिए अलग मंत्रालय क्यों नहीं था, ऐसे शब्दों में केंद्रीय वित्त मंत्री सीतारमण ने नाम लिए बिना शरद पवार की आलोचना की। प्रधानमंत्री मोदी ने सहकारी क्षेत्र में सुधार के लिए अलग मंत्रालय बनाया है और कर राहत देकर सहकारिता क्षेत्र को राहत दी है, ऐसा भी निर्मला सीतारमण ने कहा। 

    मंहगाई कम करने के प्रयास जारी

    हम मुद्रास्फीति की दर को 4 प्रतिशत पर स्थिर करने की कोशिश कर रहे हैं। खाद्य तेल पर आयात कर हाल ही में लगाया गया है। दालों के निर्यात पर भी प्रतिबंध खोल दिया गया है। इससे महंगाई कम करने में मदद मिली है, ऐसा वित्तमंत्री ने स्पष्ट किया।