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नई दिल्ली/मुंबई:  जहां एक तरफ कांग्रेस और शिवसेना (Shiv Sena) के लिए आगामी 2024 का चुनाव (2024 Lok Sabha Election) बड़ा ही मुश्किल होने वाला है। वहीं अब क्षेत्रीय दल भी उसके लिए परेशानी का सबब बनते जा रहे हैं, जो ज्यादा से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ना चाहते हैं। इसका ताजा उदाहरण महाराष्ट्र में दीखता है, जहां शिवसेना (UBT) सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) ने कहा कि उनकी पार्टी महाराष्ट्र की 48 में से अब 23 सीट पर चुनाव लड़ना चाहती है। 

बस फिर क्या था कांग्रेस, संजय राउत के इस बयान से इतनी आहात और नाराज हुई कि उनके वरिष्ठ नेता संजय निरुपम (Sanjay Nirupam) ने यहां तक कह दिया कि राउत को उन पार्टियों को लेकर कोई भी टिप्पणी नहीं करनी चाहिए, जिनके साथ शिवसेना (UBT) ने गठबंधन किया हुआ है। हालाँकि संजय राउत के बयान के बाद शिवसेना (UBT) चीफ उद्धव ठाकरे (Udhhav Thackery) इस मामले में डैमेज कंट्रोल में जुट गए और उन्होंने राउत के बयान से पूरी तरह से किनारा कर लिया है। 

क्या था संजय राउत का कहना  

मुद्दा तब गर्म हुआ जब संजय राउत ने बीते शुक्रवार को कहा, ‘ये महाराष्ट्र है और यहां शिवसेना ही सबसे बड़ी पार्टी है। कांग्रेस राष्ट्रीय पार्टी है। उद्धव ठाकरे राहुल गांधी, सोनिया गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे समेत कांग्रेस के निर्णय लेने वाले नेताओं के साथ चर्चा जरुर कर रहे हैं। लेकिन लोकसभा चुनाव में शिवसेना हमेशा 23 सीटों पर चुनाव लड़ती रही है। कांग्रेस ने महाराष्ट्र में अब तक एक भी सीट नहीं जीती है, इसलिए उन्हें फिर 0 सीट से शुरू करना होगा। मगर कांग्रेस हमारे लिए MVA में एक अहम सहयोगी है।” दरअसल महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी (MVA) गठबंधन है, जिसमें कांग्रेस, शिवसेना और NCP शामिल हैं।

नाराज कांग्रेस ने कही ये बड़ी बात 

बस फिर क्या था कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने तुरन्त ही संजय राउत पर तंज कसते हुए कहा कि ,उन्हें उन पार्टियों को लेकर बयानबाजी नहीं करनी चाहिए, जो उद्धव सेना के साथ गठबंधन में हैं। यह भी छुपा नहीं है कि रोजाना होने वाली प्रेस कॉन्फ्रेंस और ‘सामना’ में लिखे जाने वाले लेख के चलते शिवसेना (UBT) ने BJP के साथ नाता तोड़ा, तो क्या वे अब कांग्रेस के साथ भी ऐसा ही करना चाहते हैं? राउत को प्रेस कॉन्फ्रेंस और सामना में गठबंधन दलों के खिलाफ अब लिखना बंद करना चाहिए।’

इतना ही नहीं निरुपम यह तक बोल गए कि संजय राउत ने कभी चुनाव नहीं लड़ा है, तो लिहाजा उन्हें इसका कोई तजुर्बा नहीं है। सीट बंटवारे को लेकर उन्होंने कहा, ‘सीट बंटवारा अभी पूरा नहीं हुआ है। इसीलिए इसकी चर्चा टीवी पर नहीं होनी चाहिए। जरूरत है।”

डैमेज कंट्रोल में उद्धव

इधर संजय राउत के बयान के बाद शिवसेना (UBT) को मुसीबत में फंसता देख खुद उद्धव ठाकरे ने डैमेज कंट्रोल में उतारते हुए कहा कि, “मै ऐसा कुछ नहीं करने वाला हूं, जिससे MVA को नुकसान पहुंचे। इसलिए मैं कुछ भी कहने वाले लोगों पर ध्यान नहीं दूंगा। जब तक कांग्रेस सीट बंटवारे पर नहीं बोलेगी, तब तक न तो मैं और न ही मेरी तरफ से कोई कुछ कहेगा।”

ऐसा था 2019 का चुनाव 

साल 2019 में महाराष्ट्र की 48 सीटों में से 18 सीटों पर शिवसेना को जीत हाथ लगी थी। तब शिवसेना (UBT) BJP के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ रही थी, जिसके तहत उसने 23 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे। तब BJP ने यहां 25 सीटों पर चुनाव लड़ा, जिसके बाद उसके खाते में 23 सीटें गई थीं। कांग्रेस सिर्फ एक सीट जीतने में ही सफल हो पाई थी। NCP (अविभाजित) तब मात्र 4 सीट ही जीत सकी थी।