
महाराष्ट्र: हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र में सत्ता संघर्ष पर अपना फैसला सुनाया। अयोग्य ठहराए गए 16 विधायकों के फैसले की का मामला एक बार फिर विधानसभा अध्यक्ष के पास आया। बता दें कि अंतिम फैसला 7 सदस्यों की बेंच को सौंपा गया। इन सबके बाद अब सियासी उठापटक शुरू हो गई है। इसके बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी प्रतिक्रिया दी। आइए जानते है उन्होंने क्या कहा है…
प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा, हमने कानूनी दायरे में बैठकर सरकार बनाई। आज सुप्रीम कोर्ट ने इस पर मुहर लगा दी है। इतने सारे लोग पहले संविधानेत्तर सरकार को नाजायज सरकार कहकर खारिज कर रहे थे। लेकिन आज उन्हें एक जोरदार तमाचा जड़ कर खत्म कर दिया गया है।
आगे बोलते हुए एकनाथ शिंदे ने कहा कि लोकतंत्र में बहुमत महत्वपूर्ण होता है। इस देश का एक संविधान है, एक कानून है, एक नियम है। इसके बाहर कोई नहीं जा सकता। हमने जो सरकार स्थापित की है वह कानूनी ढांचे के भीतर स्थापित की गई थी। बहुमत की सरकार बनी और आज सुप्रीम कोर्ट ने इस पर मुहर लगा दी है।
हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं। हमारा स्टैंड था कि अध्यक्ष को अयोग्य घोषित करने का अधिकार है। यह शक्ति न्यायालय द्वारा राष्ट्रपति को दी गई थी। चुनाव आयोग ने हमें एक पार्टी के रूप में मान्यता दी और हमें धनुष और तीर दिया। कोर्ट ने राजनीतिक और विधायक दलों पर भी टिप्पणी की।
एकनाथ शिंदे ने आगे कहा कि हम राजनीतिक और विधायक दल भी थे। उन्हें पता था कि उनके पास बहुमत नहीं है। क्या राज्यपाल को पता था कि सरकार अल्पमत में है? नैतिक मामले शुरू हो गए हैं, शिवसेना-भाजपा गठबंधन को जनादेश दिया गया था। यह फैसला लेते समय जनता की राय का सम्मान किया गया है।