ठाणे. महाराष्ट्र (Maharashtra) के ठाणे (Thane) जिले में ईंट भट्टे पर काम करने वाले आठ बंधुआ मजदूरों को बचाया गया है। इनमें पांच महिलाएं भी शामिल है। ईंट भट्ठा मालिक इन लोगों पर पिछले कई दिनों से अत्याचार कर रहा था और उन्हें उनके मजदूरी के पैसे भी नहीं दे रहा था। साथ ही उन्हें वहां से कही जाने भी नहीं दे रहा था। यह घटना मुरबाड तालुका के खातेघर की है।
FIR में क्या कहा गया है
मुरबाड पुलिस स्टेशन के एक अधिकारी ने बताया कि पीड़ितों में से एक की शिकायत के आधार पर, मुरबाड तालुका के खातेघर में स्थित ईंट भट्ठा के मालिक के खिलाफ गुरुवार को पहली सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज की गई। पीड़ितों में ज्यादातर शाहपुर तालुका के कातकरी समुदाय के सदस्य है जिन्हे अग्रिम राशि का भुगतान किया गया और कथित तौर पर बंधुआ मजदूर के रूप में काम करने के लिए मजबूर किया गया और अतिरिक्त मजदूरी का भुगतान नहीं किया गया। इतना ही नहीं अस्वस्थ होने पर भी उन्हें काम करना पड़ता था।
त्योहार की छुट्टियों पर गए तो वापस बुलाया
अधिकारी ने एफआईआर के हवाले से बताया कि जब वे त्योहार की छुट्टियों पर गए तो उन्हें काम पर वापस बुला लिया गया। उन्होंने बताया कि आरोपियों ने उन्हें भागने से रोकने के लिए दोपहिया वाहनों सहित उनका सामान जब्त कर लिया। जबकि, एक मजदूर लापता है। गुरुवार तड़के एक स्थानीय एनजीओ ने आठ पीड़ितों को बचाया, जिसके बाद उनमें से एक ने शिकायत लेकर पुलिस से संपर्क किया।
विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज
पुलिस ने ईंट भट्ठा मालिक के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं- 370(3) (मानव तस्करी), 374 (गैरकानूनी अनिवार्य श्रम), 323 (जानबूझकर चोट पहुंचाना), 504 (शांति भंग करने के लिए जानबूझकर अपमान) और 506 (आपराधिक धमकी) सहित विभिन्न प्रावधानों के तहत ह मामला दर्ज किया गया है।
अधिकारी ने कहा कि आरोपी के खिलाफ बंधुआ मजदूरी प्रणाली (उन्मूलन) अधिनियम और अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के प्रावधानों के तहत भी मामला दर्ज किया गया है। (एजेंसी इनपुट के साथ)