Pic : Ani
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ठाणे: राज्य की राजनीति में चल रही उठापटक के बीच मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Chief Minister Eknath Shinde) अपने गढ़ ठाणे (Thane) के किले को और मजबूत बनाने में लग गए हैं। उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ दिनों से शिंदे-फडणवीस सरकार (Shinde-Fadnavis Government) के भविष्य को लेकर अलग-अलग तरीके से कयास लगाए जा रहे हैं। आने वाले समय में मुख्यमंत्री के सामने जहां अपने समर्थक सभी विधायकों को एकजुट बनाए रखने की चुनौती है, वहीं शिवसेना संगठन पर भी पकड़ बनाए रखने के लिए अलग से मेहनत करनी पड़ रही हैं। मुख्यमंत्री अपने गढ़ ठाणे जिले पर विशेष ध्यान दे रहे हैं। वे हर छोटे बड़े कार्यक्रमों में हिस्सा लेकर कार्यकर्ताओं का मनोबल भी बढ़ा रहे हैं।

महाविकास आघाड़ी के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना अध्यक्ष रहे उद्धव ठाकरे से बगावत कर बीजेपी के साथ मिल कर राज्य में सत्ता स्थापित करने वाले एकनाथ शिंदे को कई मोर्चों पर लड़ना पड़ रहा है। पिछले दिनों ठाणे में ही एक फेसबुक पोस्ट को लेकर शिवसेना यूबीटी की एक महिला पदाधिकारी पर हुए हमले को लेकर राजनीति गरमा गई थी। यही नहीं बल्कि उस महिला पदाधिकारी को अस्पताल में देखने स्वयं उद्धव ठाकरे और उनका परिवार पहुंचा। मुख्यमंत्री के ठाणे में कानून व्यवस्था ख़राब होने का कारण बताते हुए आदित्य ठाकरे ने एनसीपी कांग्रेस के साथ मिल कर मोर्चा भी निकाला था। चर्चा है कि इस घटना के बाद महिलाओं में सीएम एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के प्रति नाराजगी दिखी। 

सखी महोत्सव के बहाने शक्ति प्रदर्शन

एक सर्वे रिपोर्ट के अनुसार, विशेषकर महिला कार्यकर्ताओं में युबीटी के प्रमुख उद्धव ठाकरे को लेकर संवेदना है। इसे लेकर ठाणे में शिवसेना ने महिलाओं को एकजुट करने की नीति बनाई। उसी के तहत रविवार को ठाणे में शिवसेना महिला अघाड़ी की ओर से सखी महोत्सव का आयोजन किया गया। इस महोत्सव में स्वयं सीएम शिंदे अपनी पत्नी के साथ सहभागी हुए। सखी महोत्सव के बहाने महिलाओं का जोरदार शक्ति प्रदर्शन हुआ। इस कार्यक्रम में सीएम के ही विधानसभा क्षेत्र में हुए इस कार्यक्रम में 15 हजार से ज्यादा महिलाएं शामिल हुईं। चर्चा है कि सखी महोत्सव के बहाने आधी आबादी को साधने की कोशिश की गई। 

सीएम शिंदे ने महिलाओं के हित के लिए कई निर्णय 

सीएम शिंदे ने राज्य सरकार द्वारा महिलाओं के हित लिए गए निर्णय जैसे एसटी यात्रा को 50 प्रतिशत छूट देने का फैसला हो या बालासाहेब ठाकरे ने अपने अस्पताल के माध्यम से राज्य में 700 स्थानों पर क्लीनिक शुरू करने या फिर ‘माता सुरक्षित’ जैसी योजनाओं के माध्यम से साढ़े चार करोड़ महिलाओं की चिकित्सा जांच की जानकारी महिलाओं को दी। ठाणे में सखी महोत्सव को लेकर शिवसेना के राज्य समन्वयक और प्रवक्ता नरेश म्हस्के ने कहा कि शिवसेना में महिलाओं को रणरागिणी कहा जाता है। आज शिवसेना की हजारों महिला कार्यकर्ता मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में एकजुट हुई हैं। नरेश म्हस्के ने कहा कि ठाणे की तरह ही राज्य के हर जिले में शिवसेना की महिला कार्यकर्ता काम कर रहीं हैं।

सांसद डॉ. श्रीकांत शिंदे भी संगठन में जुटे

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के अलावा उनके पुत्र सांसद डॉ. श्रीकांत शिंदे भी शिवसेना संगठन के कार्यों में जुटे हुए हैं। कल्याण लोकसभा क्षेत्र के सांसद डॉ. श्रीकांत शिंदे राज्य भर में दौरा का विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल हो रहे हैं। चर्चा है कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को सत्ता के साथ शिवसेना पार्टी और निशान तो मिल गया है,  परंतु राज्य में उनके अलावा संगठन में कोई दूसरा बड़ा चेहरा नजर नहीं आ रहा है। शिवसेना के मंत्रियों की भी जनता में उतनी पहुंच नहीं दिखाई दे रही है। ऐसे में डॉ. श्रीकांत शिंदे पार्टी में एक युवा नेतृत्व के रूप में संगठन से लोगों को जोड़ने का काम कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि ठाणे सहित राज्य के अन्य हिस्सों में लोगों या कार्यकर्ताओं से संवाद करते हुए सीएम शिंदे उनके पुत्र डॉ. शिंदे या उनकी पार्टी के पदाधिकारी शिवसेना प्रमुख बाला साहब ठाकरे और आनंद दिघे का नाम लेना नहीं भुलते क्योंकि उन्हें पता है कि इन दोनों नामों का संगठन में कार्यकर्ताओं के लिए कितना बड़ा महत्त्व हैं।