Vashi APMC

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-राजीत यादव

नवी मुंबई: मानसून (Monsoon) के शुरू होने के साथ ही वाशी (Vashi) स्थित एपीएमसी (APMC) की फल मंडी से कोकण के हापुस आम की विदाई हो गई है। साथ ही देश के दूसरे राज्यों से फलों की आवक बढ़ गई है। जिसके चलते रंग-बिरंगे फलों से मंडी सज गई है। मौजूदा समय में मंडी में कश्मीर की चेरी (Kashmir Cherry)  से लेकर बिहार की लीची (Bihar Litchi ) और उत्तर प्रदेश के खट्टे-मीठे आम हर किसी का ध्यान अपनी ओर खींच रहे हैं।

मौजूदा समय में वाशी स्थित एपीएमसी की फल मंडी में लीची, चेरी, आलूबुखारा, लाल पीला गीला खजूर, लंगड़ा, दशहरी और चौसा आम की आवक बढ़ गई है। जिसमें से कई फलों की मांग भी बढ़ गई है। जिसकी वजह से इन फलों को थोक में अच्छी कीमत मिल रही हैं। इन फलों में उत्तर प्रदेश से आने वाले लांडगा, दशहरी और चौसा आम भी शामिल है, जिसे थोक में 30 से 80 रुपए किलो बेचा जा रहा है। इसी तरह कश्मीर से आने वाली चेरी को थोक में 150 से 200 रुपए किलो का दाम मिल रहा है। वहीं बिहार की लीची थोक में 120 से 240 रुपए किलो बेची जा रही है।

हिमाचल से भारी मात्रा में आ रहा प्लम

वाशी स्थित एपीएमसी की फल मंडी में हिमाचल से भी भारी मात्रा में प्लम आ रहा है, जिसकी कीमत थोक में 800 रुपए प्रति पेटी है, एक पेटी में 10 किलो प्लम आता है। हापुस का सीजन खत्म होने के बाद उत्तर भारत से आने वाले उक्त फलों को खाने वाला वर्ग बड़ा है, जिसकी वजह से उक्त फलों की मांग भी बड़ी है, जबकि इन फलों की मांग अधिक होने की वजह से इनकी आवक भी अधिक आवक है।15 जुलाई के बाद वाशी स्थित एपीएमसी की फल मंडी में हिमाचल प्रदेश से सेब का आना शुरू हो जाएगा।

मौसमी फलों के शौकीनों की कमी नहीं

वाशी स्थित एपीएमसी की फल मंडी में थोक में कारोबार कर रहे व्यापारियों ने बताया कि जिस तरह कोकण के हापुस आम का सीजन खत्म होने के बाद उत्तर भारत से फलों की आवक शुरू होती है, मौसमी फलों को खाने वाले शौकीनों की कमी नहीं है, जिसकी वजह से मानसून के दौरान दूसरे राज्यों से आने वाले फलों की मांग हर साल बनी रहती है। इन फलों का ट्रांसपोर्ट खर्च ज्यादा होता है, जिसका असर इनके दाम पर हर साल होता है। 

 थोक में फलों की कीमत प्रति किलो रुपए में

चीकू 45 से 50 
पपीता  14 से 26 
तरबूज 15 से 20 
अमरूद 20 से 50 
अनार 80 से 160 
अनानास 18 से 40