Leopard
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    अंबरनाथ : अंबरनाथ, कल्याण (Ambernath, Kalyan) और मुरबाड (Murbad) तहसील (Tehsil) के ग्रामीण इलाकों के लोग तेंदुए (Leopard) को लेकर चिंतित है। जुन्नर के जंगलों (Junnar Forest) से कल्याण के वन क्षेत्र में आ चुके तेंदुए को रेडिओ कॉलर (Radio Collar) लगाए जाने के कारण वन विभाग (Forest Area) के अधिकारियों (Officer) का  मानना था कि समय आने पर उसको खोजना और उसका लोकेशन हासिल करना आसान होगा लेकिन इस व्यवस्था में कुछ तकनीकी खराबी के चलते यह बात सामने आई है कि तेंदुआ वन विभाग के अधिकारियों के संपर्क से बाहर हो गया है।

    तेंदुए के गले मे जुन्नर वन विभाग के माध्यम से रेडिओ कॉलर डाला गया है। इस तकनीक से उसे जोड़े जाने से वन विभाग हर दो तीन घंटों में  यह पता लगा लेता है कि तेंदुआ कहा पर है। लेकिन सच्चाई यह कि जब उसने नांलिम्बी में बछड़ों का शिकार किया और उसके बाद वही तेंदुआ स्थानीय आयुध निर्माणी की आवासीय कॉलोनी में दिखा तब वन विभाग का उक्त सिस्टम फेल साबित हूआ उसका लोकेशन लेने में वन विभाग तेंदुए को ढूढ़ने में काफी मशक्कत कर रहा है।

    वन विभाग ने विशेष अभियान चलाया 

    अक्टूबर महीने से अंबरनाथ और कल्याण तालुकों के वन क्षेत्रों में घूम रहा तेंदुआ वन विभाग के लिए एक चुनौती बन गया है। लोगों को जागरूक करने के लिए वन विभाग ने विशेष अभियान चलाया है। हालांकि अब वन विभाग मान रहा है सिस्टम में कुछ खराबी के कारण तेंदुए का सही स्थान पता नहीं चल पा रहा है। जंगलों और बाद में मानव बस्तियों के पास आने वाला तेंदुआ अब खुली सड़कों पर, शहरी बस्तियों के पास घूम रहा है। कुछ दिन पहले वह रायते ब्रिज के पास कल्याण-मुरबाड राज्य सड़क और अंबरनाथ के पास जांभुल गांव में जल शोधन केंद्र के साथ-साथ आयुध निर्माण संस्थान में भी देखा गया था। पर अब एक सप्ताह से वह कहीं नहीं दिख रहा है।

    तेंदुए का सही स्थान अभी तक ज्ञात नहीं है। लेकिन जहां संदेह है, वहां हम ट्रैप कैमरे लगा रहे हैं साथ ही हम विभाग के माध्यम से नागरिकों के बीच जाकर जागरूकता पैदा करने की पूरी कोशिश कर रहे है।

    - तुलसीराम हिरवे, सहायक वन संरक्षक, ठाणे

    रेडियो कॉलर की बेटरी खराब होने की आशंका 

    रेडियो कॉलर विशेषज्ञ और भारतीय वन्यजीव संस्थान के वैज्ञानिक डॉ. बिलाल हबीब ने बताया कि रेडियो कॉलर वाले तेंदुए की सूचना हर दो घंटे में मिलती रही है। स्थानीय पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा की शायद रेडियो कॉलर को चलाने वाली बेटरी में कुछ खराबी आ गयी होगी। डॉ. हबीब के अनुसार बेटरी की मियाद एक साल होती है।