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    ठाणे : केंद्र सरकार (Central Government) ने ठाणे शहर (Thane City) में स्मार्ट सिटी (Smart City) के कार्यों में हुए भ्रष्टाचार (Corruption) की जांच का आदेश दिया है। स्मार्ट सिटी के केंद्रीय निदेशक (Central Director) कुणाल कुमार (Kunal Kumar) ने राज्य के मुख्य सचिव को पत्र भेजा है और घपले की जांच कर 27 जनवरी तक एक्शन टेकन रिपोर्ट भेजने का आदेश दिया है। 

    ज्ञात हो कि भाजपा के राज्यसभा सदस्य विनय सहस्रबुद्धे, विधायक निरंजन डावखरे, मनपा में भाजपा गटनेता मनोहर डुंबरे, शहर उपाध्यक्ष सुजय पत्की ने कुछ दिन पहले केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी से मुलाकात की थी और स्मार्ट सिटी के कामों में भ्रष्टाचार होने, कंसल्टिंग फर्मों पर मनमानी रुपये लुटाने और कार्यों के बहुत मंद गति से होने का आरोप लगाते हुए शिकायत की थी।

    केंद्रीय मंत्री के कार्यालय में भाजपा के प्रतिनिधिमंडल की स्मार्ट सिटी मिशन के प्रमुख अरुण कुमार सहित अन्य अधिकारी की मौजूदगी में  7 दिसंबर 2020 को  बैठक हुई थी। निरंजन डावखरे के अनुसार 6 जनवरी को जांच का आदेश हुआ और केंद्रीय निदेशक कुणाल कुमार ने राज्य के मुख्य सचिव को पत्र भेज कर पूरी रिपोर्ट 27 जनवरी तक मंगवाई है। डावखरे ने कहा है कि महानगरपालिका में भ्रष्टाचार का सिलसिला जारी है। स्मार्ट सिटी के अलावा महानगरपालिका के अन्य सभी कामों में बड़े पैमाने पर घपला हुआ है। यह जांच की तो अभी शुरुआत है और आगे बहुत बड़े घपले सामने आएंगे। 

    35 परियोजनाओं पर 387 करोड़ रुपये खर्च

    भाजपा ने ठाणे और मुलुंड के बीच प्रस्तावित एक्सटेंडेड रेलवे स्टेशन,जलापूर्ति योजना के शहर में स्मार्ट मीटर लगाने, ठाणे पूर्व सैटिस, वॉटर फ्रंट डेव्हलपमेंट, मासुंदा तालाब सौदर्यीकरण, गावदेवी भूमिगत पार्किंग, कमांड सेंटर, ठाणे रेल्वे स्टेशन परिसर की जलापूर्ति रिमॉडलिंग, स्मार्ट शौचालय इत्यदि कामों में भारी गड़बड़ी होने, बिना जरूरत सलाहकार कंपनियों पर करोड़ों फूकने, अधिकतर कामों के पूरा न होने, पांच सालों में 35 परियोजनाओं पर 387 करोड़ रुपये खर्च करने के बावजूद नागरिकों को स्मार्ट सिटी परियोजना का कोई लाभ नहीं मिलने का आरोप लगाया है।