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    नवी मुंबई : संपत्तियों (Properties) को चिन्हित करने के लिए नवी मुंबई महानगरपालिका (Navi Mumbai Municipal Corporation) क्षेत्र का ड्रोन (Drone) से सर्वे (Survey) किया जाएगा, इसके लिए लिडार तकनीक (Lidar Technology) का इस्तेमाल होगा, इस सर्वे के आधार पर महानगरपालिका क्षेत्र  में सुविधाओं के बारे में नए सिरे से नियोजन करके रूपरेखा तैयार की जाएगी। महानगरपालिका ने इस काम को ठेका मैसर्स सेंसस टेक लि. नामक कंपनी को दिया है, इस काम के लिए लगभग 22 करोड़ रुपए खर्च करने वाले हैं। सर्वे का यह काम एक साल में पूरा होगा।

    गौरतलब है कि मौजूदा समय में महानगरपालिका क्षेत्र के शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में जहां 3 लाख 50 हजार संपत्तियां हैं, वहीं 47 हजार झोपड़े भी हैं। ड्रोन द्वारा सर्वे से संपत्तियों को चिन्हित करने के बाद महानगरपालिका क्षेत्र में संपत्तियों की संख्या बढ़ने की पूरी संभावना है, ऐसी संपत्ति धारकों के पास से महानगरपालिका को संपत्ति कर व अन्य शुल्क के तौर पर सालाना 100 करोड़ रुपए महानगरपालिका मिलने के उम्मीद है, आय में वृद्धि से महानगरपालिका की आर्थिक स्थिति और ज्यादा मजबूत होगी। ऐसी संभावना महानगरपालिका प्रशासन द्वारा व्यक्त की जा रही है।

    संपत्ति कर रूप में मिल रहा 750 करोड़ रुपए

    गौरतलब है कि मौजूदा समय में नई मुंबई महानगरपालिका के क्षेत्र में आवासीय, कमर्शियल और औद्योगिक क्षेत्र की संपत्तियों से महानगरपालिका को सालाना लगभग 750 करोड़ रुपए संपत्ति कर के तौर पर मिलता है। महानगरपालिका क्षेत्र का ड्रोन से सर्वे कराने के बाद संपत्तियों की संख्या बढ़ने की पूरी संभावना है, जिसके चलते महानगरपालिका की के संपत्ति कर की आय में 100 करोड़ की वृद्धि होने की संभावना है। आय बढ़ने पर महानगरपालिका क्षेत्र में नागरिकों के से संबंधित ज्यादा से ज्यादा काम करने में महानगरपालिका को आसानी होगी, इससे महानगरपालिका क्षेत्र में रहने वाले नागरिकों को और बेहतर सुविधाएं उपलब्ध होगी।

    स्थायी समिति ने प्रस्ताव को किया था ना मंजूर

    गौरतलब है कि लिडार तकनीकी के आधार पर ड्रोन द्वारा नवी मुंबई महानगरपालिका क्षेत्र का सर्वे कराने का निर्णय महानगरपालिका के तत्कालीन कमिश्नर रामास्वामी एन ने लिया था, इसके लिए उन्होंने महानगरपालिका की स्थायी समिति के सामने प्रस्ताव रखा था, जिसे स्थायी समिति ने नामंजूर कर दिया था। बता दें कि स्थायी समिति में नामंजूर हुए इस प्रस्ताव को महानगरपालिका कमिश्नर रामास्वामी ने राज्य सरकार के पास विचार करने के लिए भेजा था, जिसे अपने सुझाव के साथ राज्य सरकार ने महानगरपालिका को वापस भेजा था, इस मामले में अब नवी मुंबई महानगरपालिका के शहर अभियंता विभाग ने उक्त काम को कराने का ठेका में मेसर्स सेंसस टेक लि. कंपनी को दिया है।

    अवैध संपत्तियों की मिलेगी जानकारी

    गौरतलब है कि विगत 20 साल से नवी मुंबई महानगरपालिका के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर अवैध निर्माण हुए हैं, जिसमें से लगभग 100 अवैध निर्माणों की सूची महानगरपालिका द्वारा कुछ माह पहले जारी की गई है, इन अवैध निर्माणों पर महानगरपालिका के अवैध निर्माण निरोधक विभाग द्वारा चरणबद्ध तरीके से तोड़ू कार्रवाई की जा रही है। कहा जा रहा है कि महानगरपालिका क्षेत्र की संपत्तियों का ड्रोन द्वारा सर्वे कराने पर अवैध संपत्तियों के बारे में और ज्यादा जानकारी महानगरपालिका को मिलेगी। इस सर्वे से वैध और अवैध संपत्तियों के साथ ही महानगरपालिका क्षेत्र के झोपड़ों की संख्या के बारे में अचूक जानकारी महानगरपालिका को हासिल होगा। वहीं महानगरपालिका को शहर की मौजूदा रूपरेखा का नक्शा भी प्राप्त होगा।

    लिडार तकनीक द्वारा ड्रोन की मदद से महानगरपालिका क्षेत्र का सर्वे कराने पर मौजूदा समय में महानगरपालिका क्षेत्र की संपत्तियों और झोपड़ों के बारे में जानकारी उपलब्ध होगी, इस सर्वे से शहर की सड़क और जंक्शन की चौड़ाई तथा शहर के नालों की भौगोलिक स्थिति की समुचित जानकारी मिलेगी, यह सारी जानकारी एक क्लिक पर महानगरपालिका के अभियंता विभाग को उपलब्ध होगी, जिसके आधार पर महानगरपालिका के अभियंता विभाग को तकनीकी से संबंधित काम को करने में आसानी होगी, इस सर्वेक्षण से महानगरपालिका को विकास से संबंधित कामों को करने में आसानी होगी, इससे महानगरपालिका की आय में भी वृद्धि होगी। शहर के बेहतर नियोजन के लिए यह सर्वे काफी महत्वपूर्ण है।

    -संजय देसाई, शहर अभियंता, नवी मुंबई महानगरपालिका