subhash bhoir Poster

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ठाणे: लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) की तैयारी शुरु हो गयी है। बीजेपी (BJP) जहां ‘मोदी @9’ अभियान के तहत लोगों के बीच अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश तेज कर दी हैं। वहीं महाविकास आघाड़ी (Mahavikas Aghadi) के घटक दल भी सक्रिय हो गए हैं। अभी तक सीट शेयरिंग को लेकर किसी तरह का निर्णय नहीं लिया गया है, लेकिन तीनों दलों में चुनावी हलचल शुरु हो गयी हैं। कल्याण सीट से मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के पुत्र श्रीकांत शिंदे सांसद हैं, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे  की नजर एक बार फिर इस सीट पर है और वे मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के पुत्र श्रीकांत शिंदे (Shrikant Shinde) के मुकाबले पूर्व विधायक सुभाष भोईर (Subhash Bhoir) को आगे कर रहे हैं। 

सुभाष भोईर के जन्मदिन के बहाने डोंबिवली, मुंब्रा, दिवा सहित अन्य इलाकों में लगाए गए बैनर से इस बात की चर्चा शुरु हो गयी है कि आगामी लोकसभा चुनाव में भोईर महाविकास आघाड़ी के उम्मीदवार हो सकते हैं। हालांकि इस बैनरबाजी से महाविकास आघाड़ी के नेता दबे मन से नाराजगी भी व्यक्त कर रहे हैं।

श्रीकांत शिंदे ने एनसीपी के उम्मीदवार को किया था पराजित

पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी-शिवसेना की युति थी। शिवसेना के टिकट पर श्रीकांत शिंदे दूसरी बार निर्वाचित हुए थे। शिंदे ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के बाबाजी बालाराम पाटिल को 3 लाख, 44 हजार 343 वोटों से हराया था। शिवसेना-बीजेपी के संयुक्त उम्मीदवार श्रीकांत शिंदे को 5 लाख 59 हजार 723 वोट मिले थे, जबकि बालाराम पाटिल को महज 2 लाख ,15 हजार 380 वोट पर संतोष करना पड़ा था। शिंदे को 62.84 प्रतिशत तो पाटिल को 24.18  प्रतिशत मतदाताओं ने पसंद किया था। वंचित बहुजन आघाड़ी के संजय हेदउर ने 65 हजार 572 वोट लेकर तीसरे स्थान पर थे। वैसे तो पिछले लोकसभा चुनाव मैदान में कल्याण सीट पर कुल 29 उम्मीदवार मैदान में थे, लेकिन सभी के वोट नोटा को मिले 13 हजार 12 से कम ही थे।

शिवसेना में बगावत के बाद अब परिस्थिति बदली

शिवसेना में बगावत के बाद अब परिस्थिति बदली हुई है। बीजेपी के लोगों का मानना है कि बदली हुई राजनीतिक परिस्थिति में बीजेपी का उम्मीदवार ही चुनाव जीत सकता है। हालांकि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के पुत्र का टिकट काटे जाने को लेकर कोई खुल कर बोलने को तैयार नहीं है। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस और एनसीपी भी इस बार इस सीट से मैदान मारने की हुंकार भर रही है। ठाणे शहर एनसीपी अध्यक्ष और पूर्व सांसद आनंद परांजपे को प्रमुख दावेदार बताया जा रहा है, लेकिन इस बीच सुभाष भोईर को भावी सांसद बताने वाले बैनर ने सभी की बेचैनी बढ़ा दी हैं।  

लोकसभा क्षेत्र के 3 विधानसभा क्षेत्रों में बीजेपी का वर्चस्व 

कल्याण लोकसभा क्षेत्र के तीन विधानसभा क्षेत्रों में बीजेपी का वर्चस्व है, जबकि कल्याण ग्रामीण पर मनसे, अंबरनाथ में शिवसेना और कलवा-मुंब्रा सीट पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का कब्जा है। सुभाष भोईर ठाणे महानगरपालिका में विपक्ष के नेता से लेकर विधान परिषद और विधानसभा के सदस्य रहे हैं। पिछले चुनाव में शिवसेना ने उनका टिकट काट कर रमेश म्हात्रे को मैदान में उतारा था। जिससे वे नाराज थे, लेकिन शिवसेना में बगावत के बाद उन्होंने ठाकरे के साथ रहने का निर्णय लिया और वे संगठन को मजबूत करने में जुटे हैं। भोईर का 2 जून को जन्मदिन है। इस बहाने शिवसेना भोईर को उम्मीदवार के रुप में पेश करके सहयोगी दलों की प्रतिक्रिया भी देखना चाहती हैं।  

सुभाष भोईर वरिष्ठ नेता हैं, हमारी और उनकी पार्टी अलग है। भावी सांसद का बैनर लगाना सुभाष भोईर जैसे परिपक्व नेता को शोभा नहीं देता है। उन्हें सांसद बनने के लिए चुनाव मैदान में उतरना चाहिए।

-गोपाल लांडगे शिवसेना, कल्याण जिला प्रमुख

महाविकास आघाड़ी से चुनाव मैदान में कौन उतरेगा इस संदर्भ में कोई निर्णय नहीं लिया गया है। कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी या दूसरी पार्टी का जो भी महाविकास आघाड़ी का उम्मीदवार होगा उसके लिए काम करेंगे।

-प्रकाश मुथा, सचिव, प्रदेश कांग्रेस