Corona Medicine
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    ठाणे : ठाणे जिले में एचआईवी मरीजों (HIV Patients) के लिए बुरी खबर है। क्योंकि एचआईवी मरीजों को दी जाने वाली महत्त्वपूर्ण दवाओं (Medicines) का जिला स्वास्थ्य विभाग (District Health Department) के पास कमी हो गई है। राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संस्था (National AIDS Control Organization) द्वारा केवल 350 डीटीजी’, ‘सीपीवी’ और ‘आरटीवी’ की दवाएं दी गई है और ये दवाएं केवल 15 दिनों तक ही चल सकती है। भविष्य में दवाओं की कमी को ध्यान में रखकर जिला एड्स नियंत्रण कक्ष ने जिला अधिकारी और मनपाओं को पत्र लिखकर मदद मांगी है। यदि इसी प्रकार दवाओं की कमी रही तो आगामी दिनों में मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। 

    राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन द्वारा विभिन्न राज्यों को दवाओं की आपूर्ति की जाती है और इन दवाओं को राज्यों में पहुंचने के बाद एआरटी केंद्रों को भेजा जाता है। एचआईवी-एड्स संक्रमित मरीजों को एआरटी केंद्रों से दवाएं दी जाती हैं। ठाणे जिले में कुल सात एआरटी केंद्र हैं। जिसमें ठाणे, उल्हासनगर, वाशी, कल्याण, भिवंडी, मिरारोड, कलवा इन एआरटी केंद्रों का समावेश हैं। पिछले कुछ दिनों से राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन द्वारा ‘डीटीजी’, ‘सीपीवी’ और ‘आरटीवी’ दवाओं की आपूर्ति देरी से हो रही है। अगले एक दो महीनों तक संस्था से ये दवाएं मिलने की संभावना बहुत कम है। ठाणे जिला सर्जन डॉ. कैलाश पवार ने बताया कि जिला एड्स निवारण और नियंत्रण कक्ष ने जिला सर्जन के माध्यम से ठाणे के कलेक्टर और मनापाओं से सीएसआर फंड या डीपीडीसी फंड से दवा प्राप्त करने के संबंध में पत्र लिखा है।

    जिले में मरीजों की संख्या 25 हजार 

    जिले में एड्स संक्रमित मरीजों की संख्या करीब 25 हजार है। हालांकि डीटीजी, सीपीवी और आरटीवी दवा लेने वाले मरीजों की संख्या 1 हजार 400 है।  टीएलडी दवा लेने वालों की संख्या करीब 23 हजार 500 है और टीएलडी दवाएं दो से तीन महीने के लिए पर्याप्त हैं। मरीजों को ये दवाएं नियमित रूप से लेनी पड़ती हैं और कुछ मरीजों को एक महीने और कुछ मरीजों को तीन महीने तक की दवा दी जाती है।