Ulhasnagar News

Loading

उल्हासनगर: अचानक बिजली गायब होने से उल्हासनगर शहर (Ulhasnagar City) के सरकारी मध्यवर्ती अस्पताल में भर्ती मरीजों (Patients) और जांच कराने आए लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। यही नहीं, अस्पताल में अंधेरा होने से डॉक्टरों को टार्च की रोशनी (Torch Light) में मरीजों की जांच और उपचार करना पड़ा। इस दौरान अस्पताल में कई घंटे तक अंधेरा छाया रहा। 

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Chief Minister Eknath Shinde) के गृह जिले के अधीन आने वाले इस सरकारी अस्पताल में अक्सर इस तरह की घटना होती रहती हैं। मरीजों के परिजनों में बिजली गुल होने और जनरेटर के नहीं चलने को लेकर आक्रोश जताया है।

पंखे बंद होने से मरीजों का बुरा हाल

घटना के दिन कई घंटे बिजली आपूर्ति बंद थी। इसलिए मरीजों, डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ को अपने मोबाइल टॉर्च के सहारे हर मरीज का इलाज करना पड़ा। अस्पताल के पंखे बंद होने से मरीजों का बुरा हाल हुआ। साथ ही बिजली नहीं होने से कंप्यूटर और इंटरनेट भी बंद रहे, जिससे अस्पताल का प्रशासनिक कामकाज भी प्रभावित हुआ।

शटडाउन के कारण बिजली आपूर्ति रही बंद  

उल्हासनगर शहर कल्याण संसदीय क्षेत्र में आता है और इसका नेतृत्व मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के सांसद पुत्र श्रीकांत शिंदे कर रहे हैं। वे खुद भी डॉक्टर हैं और अंबरनाथ विधानसभा क्षेत्र के विधायक बालाजी किणीकर भी डॉक्टर हैं। इसके बावजूद सरकारी अस्पताल की इतनी दयनीय स्थिति होने पर अस्पताल के मरीजों  द्वारा अफसोस व्यक्त किया जा रहा है। महावितरण के स्थानीय कार्यालय से जब इस संदर्भ में संपर्क किया तो उन्होंने बताया कि अस्पताल के सामने के पोल की मरम्मत और नए तार डालने के कारण महकमे द्वारा लिए गए शटडाउन के कारण बिजली बंद रखी गई थी।