Raosaheb danve
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    औरंगाबाद: केंद्रीय मंत्री रावसाहेब दानवे ने सोमवार को कहा कि महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ शिवसेना ने अगर संभाजीराजे छत्रपति को राज्यसभा सीट की पेशकश की होती, तो इससे छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज के प्रति पार्टी का सम्मान प्रदर्शित होता। महाराष्ट्र से छह राज्यसभा सदस्यों – पीयूष गोयल, विनय सहस्त्रबुद्धे और विकास महात्मे (तीनों भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से), पी चिदंबरम (कांग्रेस), प्रफुल्ल पटेल (राकांपा) और संजय राउत (शिवसेना) का कार्यकाल चार जुलाई को समाप्त हो रहा है।

    इन सीट के लिए मतदान 10 जून को होगा। महाराष्ट्र में अपने विधायकों की मदद से भाजपा दो राज्यसभा सीट जीत सकती है, जबकि सत्तारूढ़ गठबंधन के घटक दल-शिवसेना, कांग्रेस एवं राकांपा एक-एक सीट जीत सकते हैं।

    मुकाबला छठी सीट के लिए होगा। कोल्हापुर शाही परिवार के सदस्य और छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज संभाजीराजे पहले संसद के उच्च सदन के राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत सदस्य थे। उन्होंने हाल में घोषणा की कि वह एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में राज्यसभा के लिए अगला चुनाव लड़ेंगे और उन्होंने सभी दलों से उनका समर्थन करने की अपील की। शिवसेना के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने हाल में कहा था कि उनकी पार्टी आगामी राज्यसभा चुनाव में दूसरा उम्मीदवार उतारेगी। शिवसेना का यह कदम संभाजीराजे छत्रपति की संभावनाओं को प्रभावित कर सकता है।

    इस मामले पर दानवे ने पत्रकारों से कहा, ‘‘यदि शिवसेना ने अपनी पहली सीट संभाजीराजे को दी होती, जिस पर उसका जीतना तय है, तो इससे उनके प्रति पार्टी का सम्मान प्रदर्शित होता। छठी सीट (जिसके लिए मुकाबला होने की संभावना है) के लिए संजय राउत को उम्मीदवार बनाया जाना चाहिए था।”

    मराठा क्रांति मोर्चा के एक प्रतिनिधिमंडल ने रविवार को महाराष्ट्र के मंत्री एवं शिवसेना के वरिष्ठ नेता एकनाथ शिंदे से मुलाकात की और संभाजीराजे के लिए उनकी पार्टी का समर्थन मांगा। शिंदे ने संवाददाताओं से कहा कि प्रतिनिधिमंडल ने उनसे मुलाकात की थी और संभाजीराजे की उम्मीदवारी पर उचित फैसला पार्टी प्रमुख और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे करेंगे।(एजेंसी)