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प्रतीकात्मक तस्वीर

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वर्धा. नाबालिग के अपहरण प्रकरण में तीन आरोपियों को एक वर्ष की जेल व जुर्माने की सजा सुनाई़ उक्त निर्णय अतिरिक्त विशेष जिला न्यायाधीश वी़ टी़ सूर्यवंशी ने दिया. सजा सुनाये गये आरोपी का नाम देवली निवासी रुपेश बापुराव माहोरे, मारोती अशोक कदम व यवतमाल जिले के रालेगांव निवासी सुनील यादव शिंदे बताया गया.

प्राप्त जानकारी के अनुसार पीड़िता 24 अगस्त 2020 को अपने चचेरी बहन के साथ मकान के पिछले हिस्से में शौच के लिए गई थी़ जहां रुपेश माहुर, मारोती कदम व सुनील शिंदे पहुंचे़ पीड़िता की शादी रुपेश से लगाने की बात कहकर उसे लेने के लिए पहुंचे, ऐसा कहने लगे़  पश्चात उन्होंने जबरन पीड़िता व उसके चचेरे बहन को दोपहिया पर बिठाकर अपने साथ ले गए.

पीड़िता का मुंह दबाकर उसे एक खेत में ले गए़  जहां पुन: दस से बारह लोग व रुपेश के माता-पिता भी पहुंचे़ पश्चात रुपेश की जबरन पीड़िता के चचेरे बहन से विवाह रचाया़  इसके बाद रुपेश के माता-पिता ने पीड़िता को वायगांव सड़क पर छोड़ दिया़  पीड़िता ने घर पहुंच कर आपबीती परिजनों को बताई़  प्रकरण में पीड़िता की शिकायत पर देवली पुलिस में मामला दर्ज किया गया.

जांच पड़ताल के बाद पीएसआई पवन भांबुरकर ने प्रकरण न्यायप्रविष्ट कर दिया़  सरकारी पक्ष से विशेष सरकारी अभियोक्ता विनय आर घुड़े ने संभाला़  पश्चात प्रकरण में एड. स्वाति एन गेडे (दोडगे) ने कामकाज किया़ उन्हें पैरवी अधिकारी भारती करंडे ने मदद की़ प्रकरण में चार गवाहों के बयान दर्ज किये गये़  दोनों पक्षों की दलीले सुनने के बाद न्यायाधीश सूर्यवंशी ने तीनों आरोपियों को उक्त सजा सुनाई.