Wardha Dam

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वर्धा. जिले में बीच के दिनों में अच्छी वर्षा होने से लगभग सभी जलाशयों का जलस्तर बढ़ गया है. वर्तमान में मध्यम व बड़े 8 प्रकल्प तथा छोटे 10 कुल 18 प्रकल्प शतप्रतिशत भर चुके है. फलस्वरुप भविष्य में नागरिकों की जलकिल्लत की चिंता मिट गई है. यहीं नहीं तो प्रकल्प क्षेत्र में आने वाले खेतों में सिंचाई के लिए भी पर्याप्त पानी मिले सकेगा. जिले में इस बार मानसून की देरी से सभी चिंता में डूब गए थे. किसानों के बुआई के काम प्रभावित हो गए. जुलाई के शुरुआती दिनों में बारिश नहीं हुई.

इससे प्रकल्पों का जलस्तर काफी नीचे चले गया था. जुलाई के अंतिम सप्ताह में जिले में जमकर बारिश हुई. 26 व 27 जुलाई को जिले में अतिवृष्टि दर्ज की गई. इससे प्रकल्पों को संजीवनी मिली. परंतु इसके बाद पुन: अगस्त माह में बारिश की बेरुखी देखने मिली़  पश्चात 19 व 20 अगस्त को जिले में झमाझम मेघ बरसे. इससे जिले के प्रकल्पों का जलस्तर एकाएक बढ़ गया.

सिंचाई के लिए उपलब्ध होगा पर्याप्त पानी

वर्तमान में मध्यम व बड़े प्रकल्पों में से धाम, पोथरा, पंचधारा, डोंगरगांव, मदन प्रकल्प, मदन उन्नई डैम, वर्धा कार नदी प्रकल्प, सुकली लघु प्रकल्प शतप्रतिशत भर चुके है. वहीं शेष चार प्रकल्पों का भी जलस्तर बढ़ गया है. इसके अलावा 21 लघु प्रकल्पों में से कवाडी, पांजरा बोथली, उमरी, आंजी बोरखेडी, दहेगांव गोंडी, रोठा-1, रोठा-2, पिलापुर, कन्नमवारग्राम व शिरुड प्रकल्प शतप्रतिशत भर चुका है. शेष 11 छोटे प्रकल्पों में भी जलस्तर बढ़ चुका है. इससे भविष्य में नागरिकों को जलसंकट से राहत मिलेगी.