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वर्धा. जिले की 51 अंग्रेजी माध्यम स्कूलों को पिछले पांच वर्षों के आरटीई के अंतर्गत किये गये प्रवेश की राशि का भुगतान नहीं किए जाने से मुंबई हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ में वर्धा मेस्टा ने याचिका दायर की थी. इस पर कोर्ट ने फैसला देते हुए यह राशि चार सप्ताह के भीतर स्कूलों को लौटाने के आदेश दिये है. आरटीई के तहत स्कूल की कुल सीटों में से 25 प्रश सीटें आर्थिक और सामाजिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों के लिए आरक्षित हैं.

कानून में उक्त आरक्षित बच्चों की शिक्षा फीस का स्कूलों को भुगतान उसी शैक्षणिक सत्र में करने का प्रावधान है. लेकिन पिछले पांच वर्षों से अंग्रेजी स्कूलों की प्रतिपूर्ति राशि राज्य सरकार ने जमा नहीं की. इससे स्कूलों की वित्तीय स्थिति गड़बड़ा गई. इसका असर शिक्षा की गुणवत्ता पर पड़ने लगा. आर्थिक समस्या के चलते कई स्कूलें बंद हो गई. वर्धा मेस्टा संगठन ने लगातार सरकार से बकाया राशि देने के अपील की. लेकिन सरकार ने अनदेखी की. परिणामवश मेस्टा ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. मेस्टा ने अदालतों के साथ-साथ सड़कों पर भी लड़ाई जारी रखी. 

अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में जगी आशा

2022 में नागपुर में हुए शीतसत्र के दौरान विधानभवन पर स्कूल प्रशासकों ने मोर्चा निकाला था. शिक्षा मंत्री और शिक्षा निदेशक को बार-बार ज्ञापन देने के बावजूद कोई प्रतिपूर्ति नही की गई. उलटा स्कूलों की राशि देने की बजाय दूसरे कार्य में खर्च की. इन सभी मामलों पर संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने राज्य सरकार को वर्धा जिले के 51 याचिकाकर्ता अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में आरटीई के तहत मुफ्त शिक्षा प्राप्त कर रहे छात्रों को पिछले पांच साल का बकाया भुगतान चार सप्ताह के भीतर करने का आदेश दिया. फैसले ने राज्य के की हजारों अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में आशा की किरण जला दी है. जो आरटीई रिफंड नहीं मिलने से पीड़ित हैं. 

वर्धा मेस्टा ने दायर की थी याचिका

कोर्ट के आदेश से राज्य की सभी अंग्रेजी स्कूलें जो आरटीई के तहत 25 प्रश प्रवेश देते हैं, उन्हें बकाया रिफंड मिलने की संभावना है. वर्धा मेस्टा संगठन की ओर से एड.स्वप्निल शिंगणे ने पैरवी की थी. स्कूल प्रबंधन की ओर से अध्यक्ष अतुल रुईकर, डा. सुभाष खंडारे, मंडल अध्यक्ष मोहन रायकवार, आयोजक आकाश जयसवाल, सचिन जयसवाल, चन्द्रशेखर बाचले, प्रशांत चव्हान, प्रकाश जयसिंगपुरे, प्रशांत कांडलकर, गजानन सोनटक्के, राजेंद्र नाखले, नितिन वडवाने, चन्द्रशेखर डोंगरे, मारुती ओंकार, विलास देशमुख, संदीप देशमुख, रोहन कठाने, शंकरप्रसाद अग्निहोत्री, आरजी भोयर, आईआर आजमी, जयन्त भोयर, डा. वासुदेव चौधरी, संदीप सरोदे, गिरधर राठी, मंगला भगत, अरुणा चाफले, भरत वंजारा, नरेंद्र सूर्यवंशी, संजय भंसाली, संतोष यादव, रिजवान गफ़र, राजेश बड़े, शारदा ढोले, जीवन पाहुने, अशोक गोयनका ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाईं.