वर्धा/आर्वी. अवैध गर्भपात प्रकरण में स्वास्थ्य विभाग की भूमिका संदेह पैदा कर रही है़ शल्य चिकित्सक कार्यालय की ओर से जांच में लापरवाही बरती जा रही है. दूसरी ओर शनिवार को पुन: आर्वी पुलिस ने कदम अस्पताल में पहुंचकर बारिकी से छानबीन की है़ इसमें कुछ अहम सबूत पुलिस के हाथ लगने की विश्वसनीय जानकारी है़ कदम अस्पताल में हुए गर्भपात प्रकरण के बाद शल्य चिकित्सक कार्यालय की कार्यप्रणाली पर सवाल उपस्थित किये जा रहे है़ं कदम अस्पताल से बड़ी मात्रा में सरकारी दवा बरामद हुई थी.
शल्य चिकित्सक से भी हो सकती है पूछताछ
परंतु उक्त दवा सरकारी अस्पताल की न होने की बात शल्य चिकित्सक ने कही़ फिर यह दवा कदम अस्पताल में पहुंची कैसे़ सोनोग्राफी व गर्भपात केंद्र के अन्य रिकार्ड की जांच में भी स्वास्थ्य प्रशासन का सहयोग पुलिस को नहीं मिल रहा है़ कदम दम्पति के खिलाफ पुलिस ने विभिन्न धाराए बढ़ाने के कारण उन्हें किसी भी समय पूछताछ के लिए फिर हिरासत में लिया जा सकता है.
मामले में अहम सबूत लगने की संभावना
शुक्रवार को अतिरिक्त स्वास्थ्य संचालक डा़ अर्चना पाटिल ने अस्पताल का निरीक्षण किया था़ इसके बाद उन्होंने पुलिस को गाइड लाइन की है़ इस अनुसार भी पुलिस जांच कर रही है़ शनिवार की देर शाम डीवाईएसपी दिनेश सालुंखे व थानेदार भानुदास पिदुरकर के नेतृत्व में एक टीम कदम अस्पताल पहुंची थी़ जहां देर रात तक कड़ी छानबीन चली़ इस दौरान कुछ अहम सबूत पुलिस के हाथ लगने की जानकारी है़ खबर लिखे जाने तक पुलिस जांच चल रही थी.