विवि कानून में बदलाव का विरोध, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने दिया धरना

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    वर्धा. राज्य सरकार ने महाराष्ट्र सार्वजनिक विश्वविद्यालय कानून में किए बदलाव के कारण गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर विपरीत परिणाम होने का आरोप अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने किया है़ राज्य सरकार का यह निर्णय विद्यार्थियों के हित में नहीं होने से पुनर्विचार करने की मांग को लेकर पदाधिकारियों ने जिलाधिकारी कार्यालय के पास धरना आंदोलन किया.

    राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में कुछ निर्णय लिए गए है, जिसमें राजनीतिक स्वार्थसिद्धी के उद्देश्य से महाराष्ट्र सार्वजनिक विश्वविद्यालय कानून 2016 में बदलाव किया गया़  मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए निर्णय यह प्रस्तावित होने से आगामी अधिवेशन में इस निर्णय का रुपांतर कानून में करने का षड्यंत्र सरकार कर रही है.

    सरकार के निर्णय से राज्य के सभी सरकारी विश्वविद्यालयों के कुलपति राज्यपाल यह कुलगुरु की सीधे नियुक्ति नहीं कर पाएंगे़  इसके आगे कुलगुरु का चयन राज्य सरकार ने सुझाव दिए नामों से ही राज्यपाल करेंगे़  राज्य सरकार पूर्णत: कुलपति अधिकार में हस्तक्षेप कर रही है.

    प्र. कुलगुरु नया पद निर्माण किया जाएगा

    इस निर्णय के तहत प्र.कुलगुरु यह नया पद निर्माण किया जाने वाला है़ इस पर उच्च व तकनीकी शिक्षा मंत्री की नियुक्ति की जाएगी़  इससे विवि के अधिकारों पर नियंत्रण लाने का प्रयास राज्य सरकार कर रही है़ इससे स्पष्ट होता है कि राजनीतिक पार्टी, नेताओं का हस्तक्षेप निर्णय प्रक्रिया में बढ़ाया जा रहा है़  कुलपति (राज्यपाल) यह सभी विवि के प्रमुख है़ उनके अधिकारों पर यह आक्रमण है़  इस निर्णय से गुणवत्ताधारक प्राध्यापक, विद्यार्थियों पर विपरीत परिणाम राजनीतिक दबाव के चलते निर्माण होगा़  निर्णय पर तत्काल पुनर्विचार करने की मांग की. अन्यथा तीव्र आंदोलन करने की चेतावनी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने दी है. यह आंदोलन अभाविप के साहिल इंगले व वैभव राऊत के नेतृत्व में किया गया.