Anganwadi workers Dharna

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    वर्धा. प्रलंबित मांगों को लेकर सेंटर आफ इंडियन ट्रेड यूनियंस (सीटू) के अगुवाई में आंगनवाड़ी कर्मियों ने जिप के समक्ष धरना दिया़  राज्य सरकार के विरोध में जोरदार नारेबाजी की गई़ प्रलंबित मांगों को लेकर सीईओ के माध्यम से मुख्यमंत्री को मांग का ज्ञापन भेजा गया.

    बता दें कि जिले में आंगनवाड़ीसेविका, सहायिका गत अनेक वर्षों से कार्यरत है़ परंतु बरसों से वह अपनी प्रलंबित मांगों को लेकर सरकार से न्याय की अपील कर रही है़ परंतु इस ओर सरकार अनदेखी कर रही है़ कोर्ट के आदेश पर कार्यरत सेविका, सहायिका एवं सेवानिवृत्त व इस्तीफा देने वाली कर्मियों को ग्रेज्युईटी लागू करें. प्रावीडंट फंड, श्रमिक बीमा लागू करें.

    बैंक की तकनीकी समस्या को करें हल

    पोषण ट्रैकर एप मराठी में करें व लाभार्थियों को आधार लिंक न करते हुए पोषाहार की आपूर्ति करें. आंगनवाड़ी सेविका को 24 हजार रुपए व सहायिका को 18 हजार रुपए प्रतिमाह मानधन दिया जाए़  महाराष्ट्र बैंक व पंजाब नेशनल बैंक में आनेवाली तकनीकी समस्या को हल करें. सरकार द्वारा दिये गए मोबाइल घटिया दर्जे के हैं, इसे बदलकर नए मोबाइल दिए जाये. आंगनवाड़ी के लिए लगने वाली सामग्री की शीघ्र आपूर्ति करें. 

    केंद्र के लिए स्वतंत्र इमारत देने की मांग

    शहर में किराये के मकान में आंगनवाड़ी केंद्र चलाए जा रहे है़ इस ओर गंभीरता से ध्यान देकर केंद्र के लिए स्वतंत्र इमारत दी जाए़ सेवा वरिष्ठता के अनुसार मानधन में वृध्दि की जाए़ आंगनवाड़ी सेविका व सहायिका का मानधन नियमित रूप से हर महीने की 10 तारीख को अदा किया जाए़ आदि सहित 30 महत्वपूर्ण मांगों का ज्ञापन में समावेश है.

    उपरोक्त मांगों को लेकर जिप के समक्ष सोमवार को धरना आंदोलन किया गया़  इस प्रसंग पर महिला कर्मियों ने जोरदार नारेबाजी की़ आंदोलन में संगठन की अध्यक्ष अर्चना मोकाशी, सचिव रंजना सावरकर, राज्य कमेटी सदस्य गुंफा कठाणे, जनरल सचिव भैयाजी देशकर, निर्मला चौधरी, आरती दोडके, संगीता कोहले, उषा मानकर, सविता जगताप, संजय भगत सहित बड़ी संख्या में महिला कर्मचारी शामिल हुई थी.