प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि

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    वर्धा. निरंतर प्राकृतिक आपदा की चपेट में आने से किसानों को प्रतिवर्ष आर्थिक नुकसान होता है़ ऐसे में उन्हें आर्थिक रूप से सहयोग के उद्देश्य से सरकार ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना शुरू की़ किंतु, योजना के अंतर्गत लाभार्थी किसानों की संख्या में निरंतर गिरावट होने की जानकारी सामने आयी है. पहले किश्त के कुल लाभार्थियों की तुलना में 10वीं किश्त में केवल 36.07 प्रश ही किसानों को ही अनुदान लाभ मिला है.

    प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना देशभर 1 दिसंबर 2018  से अमल में लाई गई़ योजना के अंतर्गत वार्षिक 6 हजार रुपए वितरित किए जाते है़ं 31 मई को योजना की ग्यारहवीं किश्त वितरित की गई़ इसमें जिले के लाभार्थी किसानों का आंकड़ा अब तक जिला प्रशासन द्वारा स्पष्ट नहीं किया गया है़ लेकिन दसवीं किश्त से ही जिले के अधिकांश किसान वंचित है़ं अब तक कुल किसानों से केवल 56 हजार 791 किसानों को ही सम्मान निधि का लाभ मिला है.

    1 लाख 57 हजार 433 कुल लाभार्थी

    जिले में आर्वी, आष्टी, देवली, हिंगनघाट, कारंजा, समुद्रपुर, सेलु एवं वर्धा के कुल 1 लाख 57 हजार 433 किसानों को पहली किश्त का लाभ मिला था़  इसके बाद  धिरे धिरे लाभार्थियों की संख्या में गिरावट होते रही. कुछ किसान आयकरदाता होने के कारण पात्र नहीं होने से उनसे निधि वापस ली गई तथा उनका नाम सूची से हटाया गया. आयकरदाता व अन्य कारणों के चलते  लाभार्थियों की संख्या आधे से भी कम होकर केवल 36 प्रश पर पहुंच गई है़ अनेक पात्र किसान आज भी योजना से वंचित रहने के कारण उनमें में रोष है. 

    किश्त निहाय लाभार्थी किसान

    पीएम किसान सम्मान निधी योजना की पहली किश्त का लाभ 1 लाख 57 हजार 433 किसानों को मिला है़ इसके बाद दूसरी किश्त से लाभान्वीत 1 लाख 55 हजार 874 किसान, तीसरी किश्त 1 लाख 54 हजार 448, चौथी किश्त 1 लाख 49 हजार 631, पांचवीं किश्त 1 लाख 45 हजार 4, छठवीं किश्त से 1 लाख 34 हजार 462, सांतवीं किश्त 1 लाख 25 हजार 205, आठवीं किश्त 1 लाख 485, नौवीं किश्त 94 हजार 673, दसवीं किश्त में 56 हजार 791 किसानों का समावेश है.

    56 प्रश किसानों की KYC पेंडिंग

    योजना के अंतर्गत लाभ के लिए किसानों को केवाईसी करना अनिवार्य किया गया़ अभी भी जिले के 82 हजार 504 किसानों ने केवाईसी की प्रक्रिया पूर्ण नहीं की है़ जिसका कुल प्रतिशत 56 प्रश बताया जा रहा है़ लेकिन, बीच के दिनों में साइट में खराबी आने से केवाईसी रुक गई थी़ साथ ही अन्य कुछ किसानों के आवेदनों में तकनीकी दिक्कतें आयी है़ अनेक किसान आयकरदाता होने के कारण उन्होंने स्वयं ही अपना नाम लाभ से काट दिया. परिणामश किसान सम्मान निधि से वह वंचित है़ं  सभी तकनीकी खामियां दूर कर योजना का लाभ प्रदान करें, ऐसी मांग किसान कर रहे है़.