वर्धा. पखवाड़े की लंबी प्रतीक्षा के बाद जिले में झमाझम मेघ बरसे. काफी देर तक चली रिमझिम बारिश से किसानों के साथ नागरिकों ने राहत की सांस ली. बारिश से फसलों को संजीवनी मिली व उमसभरी गर्मी से भी राहत मिली है. पिछले चौबीस घंटे में 19.3 मिमी बारिश हुई है. जबकि अब तक जिले में 508.3 मिमी वर्षा दर्ज हुई है. आगामी दिनों में भी बारिश के आसार मौसम विभाग ने जताये है़.
जिले में पिछले साल अतिवृष्टि से फसलों का भारी हुआ था. इस बार जिले में अब तक औसतन बारिश दर्ज नहीं हो पायी है. जुलाई माह में एक बार अतिवृष्टि दर्ज की गई. इसमें करिब 15 हजार हेक्टेयर में फसल का नुकसान बताया गया था. जिले में किसानों ने 4.11 लाख हेक्टेयर में कपास, सोयाबीन, तुअर व अन्य फसलों की बुआई की है.
किसानों ने ली राहत की सांस
मानसून की देरी से इस बार बुआई के कार्य देरी से हुए़ कुछ किसानों ने दुबार बुआई की थी. जुलाई माह में हुई बारिश से फसलें टीकी रही़ फसलें लहलहाने लगी थी कि 1 अगस्त से जिले में बारिश गायब हो गई. गत पखवाड़ेभर से जिले में बारिश नदारद रहने से किसानों का टेन्शन बढ़ गया था. फसल बचाने के लिए जिनके पास कुएं की व्यवस्था है उन किसानों ने स्प्रिंकलर शुरू कर दिए थे़ परंतु बिना सिंचाई वाले खेतों में फसलें संकट में आ गई थी़ और तीन-चार दिन बारिश न आने पर फसल खराब होने की बात कही जा रही थी.
24 अगस्त तक बारिश के आसार
सोयाबीन व कपास की फसल पर बीमारी व इल्लियों ने भी आक्रमण कर दिया था़ पहले ही आर्थिक संकट में घिरे किसान महंगे कीटनाशक खरीदने पर मजबूर दिखाई दिया. सभी की नजरें आसमान की ओर टीकी हुई थी. बारिश न होने से उमस पैदा हो गई थी. चिलचिलाती गर्मी से भी नागरिक परेशान हो गए थे़ ऐसी स्थिति में गुरुवार की मध्यरात्रि व शुक्रवार को दिनभर रुक रुककर रिमझिम बारिश चली़ इससे फसलों को संजीवनी मिलने के साथ ही गर्मी से नागरिकों को राहत मिली है. आगामी 24 अगस्त तक मौसम विभाग ने बारिश के आसार जताये है.