UP Assembly Election 2022 : former Congress MP Anand Prakash Gautam resigns from the party
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    सेलू (सं). जिले की चार नपं के लिए चुनाव होने जा रहे है़ं इसमें सेलू नपं राजनीतिक दृष्टिकोण से अहम मानी जाती है़  इस नपं पर कांग्रेस का कब्जा जमाने के लिए पार्टी ने कमर कस ली है़ वहीं पार्टी के अंतर्गत गुटबाजी पर अंकुश लगाने तथा सभी गुटों को एकत्रित लाने के प्रयास पालकमंत्री सुनील केदार सहित पार्टी के निरीक्षक व विधायक रणजीत कांबले ने शुरू कर दिए है.

    दोनों ने सेलू में भेंट देकर पार्टी के दोनों गुटों की बैठक बुलाकर स्थिति का जायजा लिया़  इस संबंध में अब पार्टी के वरिष्ठ नेता क्या निर्णय लेते हैं, यह देखना अहम माना जा रहा है़  21 दिसंबर को होने वाले नपं के चुनाव में चार गुट उतर रहे है़  इसमें कांग्रेस के भीतर ही दो गुट एकदूसरे के सामने चुनौती खड़ी कर सकते है़  इन दोनों गुटों को एकत्रित लाकर उनमें समझौता कराने के प्रयास कांग्रेस के नेता कर रहे है.  

    शेंडे व जयस्वाल के बीच मनमुटाव जारी  

    जिप के पूर्व अध्यक्ष पप्पू जयस्वाल के सामने भाजपा से निकलकर कांग्रेस का दामन पकड़ने वाले दफ्तरी गुट ने कांग्रेस की उम्मीदवारी हासील करने के लिए शेखर शेंडे के माध्यम से प्रयास शुरू कर दिए है़  दूसरी ओर शेंडे व जयस्वाल के बीच चल रहे मनमुटाव को दूर करना किसी चुनौती से कम नहीं है़ तहसील में कांग्रेस का दारोमदार जयस्वाल गुट के कंधों पर बतायी जाती है़  इसके पहले नपं के चुनाव में कांग्रेस की उम्मीदवारी जयस्वाल गुट को मिली थी़  उस समय शैलेंद्र दफ्तरी गुट ने सेलू सुधार आघाड़ी के नाम से उम्मीदवार खड़े किए थे़  दोनों गुटों के सदस्यों को चुनाव में यश प्राप्त हुआ था़  इस बार दफ्तरी ने कांग्रेस का दामन थामने से दोनों गुटों को एकत्रित लाने का काम किया जा रहा है.  

    अलग गुट बनाने वालों पर पार्टी लेगी एक्शन 

    इसमें पालकमंत्री ने मतभेद हो सकते हैं, परंतु मनभेद नहीं की बात कहते हुए हमारा एजेंडा कांग्रेस को नपं में यश दिलाना हैं. हमें मनमुटाव भूलकर काम करने की जरूरत है. दूसरी ओर किसी ने अलग गुट बनाकर चुनाव लड़ने की कोशिश की, तो उनके खिलाफ पार्टी एक्शन लेने की बात विधायक कांबले ने कही. बैठक में शैलेंद्र दफ्तरी ने पार्टी की उम्मीदवारी पर अपना दावा किया है़ अगर ऐसा नहीं हुआ तो वे स्वतंत्र चुनाव लड़ने का निर्णय लेने की जानकारी है़  इस संबंध में पार्टी के वरिष्ठ नेता क्या निर्णय लेते हैं, इस ओर सभी का ध्यान लगा हुआ है़  फिलहाल दोनों गुट एकदूसरे के सामने चुनाव में खड़े रहने की स्थिति बनी हुई है़  अगर ऐसा हुआ तो पार्टी को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है.