Cow Dung, Gobar, Cremation

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वर्धा. श्मशानभूमि में अंत्यसंस्कार के दौरान अग्निदाह के लिए पहले केवल लकड़ियों का ही उपयोग किया जाता था. परंतु पेड़-पौधों का संवर्धन समय की मांग है. जिसे ध्यान में रखकर लकड़ी के बजाए गोबरी का उपयोग अग्निदाह के लिए शहर की श्मशानभूमि में किया जा रहा है. इतना ही नहीं तो गैस पर आधारित संयंत्र लगाने का कार्य प्रगतिपथ पर है. जिसके चलते आने वाले समय में शहर की श्मशानभूमि इको फ्रेंडली के रूप में साकार होगी.

नगर परिषद की ओर से श्मशानभूमि की देखभाल व संपूर्ण कार्य की जिम्मेदार विश्व हिंदू परिषद की ओर कॉन्ट्रैक्ट पद्धति से सौंपी गई है. श्मशानभूमि में अग्निदाह के लिए पहले लकड़ियों का ही उपयोग शत-प्रतिशत होता था. परंतु पेड़ों की कटाई से प्रकृति के नुकसान को देखने के साथ ही लकड़ियों की कींमतों में बढ़ोत्तरी से अग्निदाह महंगा साबित होते जा रहा है. ऐसे में विहींप ने अनूठी पहल करते हुए गाय की गोबरी के उपयोग को बढ़ावा दिया है.

शत-प्रतिशत गोबरी से अग्निदाह के लिए कम से कम शुल्क लेने की बात बताई जा रही है. गोबरी की खरीदी कुछ किसानों तथा गौशालाओं के माध्यम से की जा रही है. जिससे गौ सेवा के उद्देश को भी बल मिल रहा है. गैस पर आधारित ऑटोमैटिक अग्निदाह संयंत्र लगाया जा रहा है. यह कार्य पूर्ण होने के बाद केवल वैकल्पिक तौर पर ही लकड़ियों का उपयोग कर संपूर्ण श्मशानभूमि का कार्य इको फ्रेंडली बनाने का प्रयास किया जा रहा है. 

अग्निदाह मशीन का कार्य अधर में

श्मशानभूमि में गैस चलित अग्निदाह मशीन का कार्य गत कुछ वर्ष से अधर में है़. नप प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार संपूर्ण मशीन का इन्स्टॉलेशन हो गया है. किंतु, गैस के लिए लगाएं गए सिलेंडर प्राप्त होने में देरी हो रही है. अगले मार्च महिने तक गैस चलीत अग्निदाह मशीन शुरू होगी, ऐसा बताया जा रहा है.

श्मशानभूमि को सर्वसमावेशक बनाना हमारा संकल्प

लकड़ियों की बजाएं गाय की गोबरियों का उपयोग करने के लिए लोगों को प्रेरित किया जा रहा है. इसके लिए कम से कम शुल्क में गोबरियां हम उपलब्ध कर रहे है़. श्मशानभूमि को इको फ्रेंडली आईएसओ नामाकंन मिले इसके लिए हम प्रयास कर रहे है़. लावारिस शवों पर नि:शुल्क दाह संस्कार किया जाता है़ इसके अलावा जिनकी आर्थिक परिस्थिति नहीं ऐसे लोगों को नि:शुल्क सुविधाएं दी जाती है.  जिनके यहां अंत्यसंस्कार करने कोई भी उपलब्ध नहीं उनके भी अंत्यसंस्कार किए जाते है़. श्मशानभूमि को सर्वसमावेशक बनाने का हमारा संकल्प है. इसके लिए मोक्षधाम सेवा समिति की स्थापना की गई है. सभी धर्म समाज के लोग इसके सदस्य बनकर सेवा प्रदान कर सकते है़.  

-संजय बडगेलवार, जिला उपाध्यक्ष विश्व हिंदू परिषद, वर्धा