Farmers Suicide
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  • वाहितपुर, आकोली, कोसुर्ला में एक दिन में हुई घटना से मचा हड़कम्प

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वर्धा. पिछले कुछ महीनों से जिले में आत्महत्याओं की घटनाएं काफी बढ़ गई है़ं इन घटनाओं में किसान आत्महत्याएं अधिक है़ 9 मई को एक ही दिन में तीन किसानों की आत्महत्या होने से खलबली मच गई़  यह घटनाएं वाहितपुर, आकोली व कोसुर्ला की बताई जा रही है. जिले में बढ़ती किसान आत्महत्या चिंता का विषय बना हुआ है़ जानकारी के अनुसार कोरोना संकट के चलते अनेक परिवार आर्थिक संकट में आ गए है.

आज भी अनेक परिवारों की आर्थिक स्थिति पटरी पर नहीं लौट पाई है़ कोई बेरोजगारी, कोई कर्ज से परेशान है़ ऐसे में निजी फाइनांस कंपनियां कर्ज के हफ्ते चुकाने के लिए ग्राहकों को तंग कर रही है़ अनेक किसानों ने फसल कर्ज उठाया था़ परंतु फसल न होने तथा प्राकृतिक आपदा से परेशान किसान आत्महत्या कर रहे है.

एक ने पेड़ से लगाई फांसी, दूसरा तालाब में कूदा

ऐसी ही किसान आत्महत्या की दो घटनाएं वाहितपुर व कोसुर्ला में सामने आयी़ सेलू थाना क्षेत्र के पवनार निवासी आशीष महादेव भट (30) ने वाहितपुर में मक्ते से खेत किया था़ पिछले कुछ दिनों से वह चिंतित बताया गया़ इस बीच उसने खेत स्थित नीम के पेड़ से फांसी लगाकर अपनी जीवनलीला खत्म कर ली़ आर्थिक तंगहाली के कारण उसने यह कदम उठाने की चर्चा है.

दूसरी ओर कोसुर्ला में किसान अशोक कमलाकर कोवे ने तालाब में छलांग लगाकर आत्महत्या कर ली़ उसके पास पांच एकड़ खेती थी. खेत पर कानगांव बैंक आफ इंडिया शाखा का एक लाख रुपए कर्ज है़ जो दो वर्ष से वह चुका नहीं पा रहा था़ खेत से लागत खर्च भी नहीं निकल पा रहा था़ इन सभी बातों से तंग आकर उसने खेत परिसर के तालाब में कूदकर आत्महत्या कर ली.

आर्थिक तंगी से परेशानी किसान ने गटका जहर

तीसरी आत्महत्या की घटना सेलू तहसील के आकोली हेटी परिसर में सामने आयी़  यहां चंद्रशेखर नारायण वैरागडे (53) ने जहर गटक लिया़ यह बात ध्यान में आते ही परिजनों ने उन्हें सावंगी के अस्पताल में भर्ती करवाया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई़ प्रकरण में सेलू पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है़ पिछले कुछ दिनों से जिले में किसान आत्महत्या के प्रकरण बढ़ रहे है़ं किसानों को आर्थिक तंगहाली से निजात दिलाने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है.

फिलहाल खरीफ मौसम की तैयारियों में किसान जुट गया है़ परंतु उनके पास रुपए ही नहीं होने से वे चिंतित है़  इस स्थिति में किसान आत्महत्या जैसे कदम उठा रहा हैं, इस ओर प्रशासन व सरकार ने ध्यान देना जरूरी है.