Cotton Price
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वर्धा. इस मौसम में पहले कपास का मूल्य कम था़ मात्र अंतिम चरण में गत कुछ दिनों से तेजी देखने मिली़ वहीं कपास के मूल्य में उतार-चढ़ाव रहने से किसान संभ्रम में दिखाई दे रहे है़ं मौसम खत्म होकर दो माह बित गये है़. मार्केट में कपास की आवक भी कम हुई़ अनेक किसानों ने कपास की बिक्री रोक दी़ परंतु अंतिम चरण में कपास का मूल्य बढ़ेगा, ऐसी उम्मीद किसानों को है.

शुरूआती दिनो में मार्केट में कपास का मूल्य 6 हजार से 6 हजार 500 रुपये रहा़ इस लिए अनेक किसानों ने कपास घरो में ही रखा़ मूल्य बढ़ेगा यह उम्मीद थी़ परंतु ऐसा नहीं हुआ़ दो वर्ष पहले जिले में कपास को रिकॉर्ड 14 हजार रुपये तक भाव मिला था़ परंतु पिछले व वर्तमान मौसम में कपास का मूल्य नहीं बढ़ा. इससे किसानों की उम्मीदों पर पानी फिर गया है.

इस बार जिले में 7 हजार 500 तक ही कपास को मूल्य मिला़ इससे अधिक भाव बढ़ेगा, ऐसी ऊम्मीद थी़ ऐसा न होते हुए फिर से मूल्य में कमी देखने मिल रही है, इससे किसानों की चिंता और बढ गई है़ इस वर्ष कपास का भारी नुकसान भी हुआ़ गुलाबी बोंड इल्ली व प्राकृतिक आपदा के कारण कपास की उपज में भारी कमी आयी़ अब मूल्य बढ़ने की उम्मीद कम होने से किसान मजबूरन कम भाव में कपसा बेच रहे है़.

तुअर का मूल्य 11,000 तक

वहीं इस बार बेमौसम बारिश व बीमारी के कारण तुअर के भी उपज में भारी कमी आई है. परिणामवश किसानों के घरो में तुअर की उपज काफी कम है. मात्र मार्केट में कपास की तुलना में तुअर के मूल्य में तेजी देखने मिल रही है. वर्तमान में हिंगनघाट बाजार समिति में तुअर को 11 हजार रुपयों तक भाव मिल रहा है. परंतु मूल्यवृध्दि का लाभ कुछ ही किसानों को मिलता दिखाई दे रहा है.