वर्धा. राजस्थान सरकार के विरोध में निजी स्कूल के केस में सर्वोच्च न्यायालय में राजस्थान सरकार ने 50 फीसदी तक फीस में सहूलियत दें, इस आदेश को चुनौती दी थी. इस पर कुछ स्कूलों ने 25 फीसदी फीस की तैयारी दर्शायी तो कुछ स्कूलों ने 10 फीसदी. इस प्रकरण में कोर्ट ने चर्चाकर 15 फीसदी कटौती करने की बात कही है. लेकिन पालकों की आर्थिक स्थिति का विचार करके निजी स्कूल फीस में 50 फीसदी तक सहूलियत देने की मांग आम आदमी पार्टी के राज्य संयोजक रंगा राचुरे ने की है.
राजस्थान के संदर्भ में सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय लाकडाउन के समय लिया गया था. फीस वृद्धि न करें व फीस कटौती संदर्भ में स्पष्ट निर्देश निर्णय में है. इससे वे 2020-21 व 21-22 इन दो वर्ष के लिए लागू होना अपेक्षित है. लेकिन शिक्षा मंत्री यह निर्णय केवल इस वर्ष लागू होने की बात कह रहे है, जिससे यह पालकों का मजाक उड़ाने जैसा है.
शैक्षणिक शुल्क में 25 से अधिक कटौती जरूरी
सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय में सभी मुद्दों को देखते हुए राज्य सरकार ने यह आदेश निकालते समय महाराष्ट्र के स्कूलों की बचत व नफाखोरी का अभ्यास कर 50 फीसदी तक कटौती करनी चाहिए. मेस्टा संगठन ने 25 फीसदी सहूलियत की घोषणा खुद से की थी. सरकार ने खर्च कम होने की मांग कर आरटीई प्रतिपूर्ति देते समय 50 फीसदी राशि कम की. यह बात देखते हुए महाराष्ट्र में शैक्षणिक शुल्क में 25 फीसदी व उससे अधिक राशि कटौती करना जरूरी होने की मांग आम आदमी पार्टी ने की है.