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  • गरीबों का टूट रहा सपना

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आष्टी शहीद (सं.). आज के समय घर निर्माणकार्य सामग्री और मजदूरी महंगी होने से प्रधानमंत्री आवास योजना का बंटाधार हो गया है. जिस वजह से गरीबों का सपना टूटते हुए दिख रहा है.

शहर के नगर पंचायत हद और तहसील के गांवों में गली-गली प्रधानमंत्री आवास योजना और घरकुल योजना का निर्माण जोरों से शुरू है. इसके लिए लगने वाला साहित्य रेती, लोहा , सीमेंट, मजदूरी, इंटे खरीदने के लिए दोगुनी मजदूरी लग रही है, इसलिए अब शुरू किया घर का निर्माण पूर्ण होगा की नहीं. इसका डर नागरिकों को सता रहा है. इसी तरह घरकुल योजना की राशि वर्षो तक पूर्ण नहीं मिलने से लाभार्थी किराए के मकान में निवास कर रहे हैं, इसलिए उन्हें आर्थिक भुर्दंड सहन करना पड़ रहा है.

यह राशि विलंब से मिलने से लाभार्थियों को निजी साहूकारों से ब्याज से पैसे लेकर घर का निर्माण करना पड़ रहा है. 4 से 5 हजार रूपये होने वाले लोहा आज की स्थिति में 7 से 8 हजार रुपये क्विंटल हुआ है. ईंटें की कीमतें 7000 से 12000 तक हुई है. लाभार्थियों को घरकुल के निर्माण में परेशानी हो रही है. वर्धा जिले के आष्टी तहसील में किसी भी रेतीघाट की नीलामी नहीं हुई है.

वर्धा जिले के तट पर अमरावती जिले के घाट की नीलामी हुई है. यह नीलामी करने वाले वर्धा जिले की रेती चुराकर ले जा रहे हैं. इस ओर प्रशासन की अनदेखी दिख रही है. जिलाधिकारी से लेकर तहसीलदार को जिले के मंत्रियों ने किसी भी प्रकार के रेती घाट और रेती ट्रैक्टर जहां पर चलता है. वहां पर कार्रवाई करने मना करने की गुप्त जानकारी मिली है. इसलिए बढ़ी हुई कीमत में जिले के नागरिकों को रेती खरीदनी पड़ रही है.