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    वर्धा. खेत में जंगली जानवरों, प्राकृतिक आपदा से बचने के लिए किसान लकड़ियों से मचान का निर्माण करता है. आर्वी तहसील के कासारखेड़ा के किसान पुत्र योगेश माणिक लिचडे ने बहुत कम खर्चे में अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस मचान साकार किया है़ यह मचान काफी सुविधाजनक होने से परिसर के किसानों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया है़ आर्थिक स्थिति कमजोर होने से विभिन्न चुनौतियां पार करते हुए किसान पुत्र योगेश ने पढ़ाई पूर्ण की़  हाथ में पैसा नहीं रहने से नौकरी की आशा नहीं थी, जिससे उसने खेती करने का निर्णय लिया़  खेत में कार्यरत रहते किसानों को अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है.

    खरीफ मौसम में आंधी तूफान का डर बना रहता है़ जंगली जानवरों के हमले अक्सर किसानों पर होते रहते है़ं खेत में लकड़ियों से मचान बनाया जाता है़ किंतु, वह पूर्णत: सुरक्षित नहीं रहता. इससे अधिकांश किसान खेत में मकान का निर्माण करते है़ आर्थिक रूप से कमजोर किसान खेत में मकान नहीं बना पा रहे है़ ऐसे में किसानों के लिए कम खर्चे में योगेश ने आधुनिक सुविधाओं से लैस मचान तैयार करने का निर्णय लिया.

    सोलर पैनल से की बिजली की व्यवस्था

    योगेश ने साकार किए 5 से 6 फीट ऊंचे मचान का वजन 550 किलो है़  गाज से बचने संयंत्र कार्यान्वित किया गया़  ऊपरी हिस्से में सोलर पैनल लगाकर लाइट की व्यवस्था की गई़  साथ ही मचान में रेडिओ व अन्य सुविधाएं है, जिससे किसानों का मनोरंजन होगा़  यह मचान किसानों के लिए वरदान साबित होने की बात कही जा रही है. गांव के साथ ही परिसर के किसान बड़ी संख्या में मचान देखने भीड़ कर रहे है़ं 

    कृषि विभाग की ओर से योगेश का सम्मान

    इसके पहले योगेश ने कीटनाशक के छिड़काव व डवरनी मशीन का निर्माण किया था. जिन किसानों के पास बैलजोड़ी नहीं, ऐसे किसानों को समय व पैसे की बचत करने में मशीन से मदद हो रही थी़  इससे यंत्र की मांग भी बढ़ी. पिछले वर्ष नाशिक के कृषि प्रदर्शनी में योगेश ने यह यंत्र रखा था, जिसका संज्ञान लेकर उसका कृषि विभाग की ओर से सम्मान भी किया गया. 

    किसानों को खे में मचान का होगा फायदा

    जिन किसानों की आर्थिक परिस्थिति कमजोर है, वह खेत में आधुनिक सुविधाओं से लैस यह मचान बना सकते है़ मचान की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया गया है़  इससे जंगली जानवरों से संरक्षण होगा.

    -योगेश लिचडे, कृषिकन्या वर्क-कासारखेड़ा.