वर्धा. जिले में लंबे समय तक चली एसटी कर्मियों की हड़ताल के बाद लगभग सभी कर्मचारी अपने काम पर वापिस लौट गए हैं. फलस्वरुप गत एक माह से जिले में लालपरी की सेवा पटरी पर लौट रही है़ विवाह समारोह का सीजन होने से बसों में यात्रियों की भीड़ दिखाई दे रही है, इससे नियमित आय भी बढ़ने की जानकारी है.
बता दें कि रापनि का राज्य सरकार में विलीनीकरण की मांग को लेकर जिले में हड़ताल शुरू की गई थी़ 28 अक्टूबर 2021 से आरंभ हुए आंदोलन में जिले के पांच डिपो से कुल 1,458 कर्मचारी शामिल हुए थे़ शुरुआती दो माह तक जिले में एसटी सेवा शत प्रतिशत बंद रही. इसके बाद सरकार ने कुछ मांगों पर सहमति दर्शाते हुए कर्मियों को काम पर लौटने का आह्वान किया़ इस पर कुछ कर्मी काम पर लौटे़, परंतु 80 प्रश कर्मी करीब पांच माह तक हड़ताल पर डटे रहे़ इससे एसटी की नियमित आय प्रभावित हो गई थी.
जहां प्रतिदिन 20 से 22 लाख रुपए आय मिलती थी, वह 3 से 4 लाख रुपए पर आ गई थी़ शुरुआती दिनों में कुल 224 बसें रुकी हुई थी़ फिलहाल 200 के करीब बसें मार्ग पर दौड़ रही हैं. काफी दिनों तक बसें खड़ी रहने से इसका मेन्टनेंस खर्च भी बढ़ गया है़, तो कुछ बसें रास्ते में ही दम तोड़ देती है़ न्यायालय के निर्देश के बाद वर्तमान में लगभग सभी कर्मी अपने काम पर लौट चुके हैं.
इससे जिले में एसटी सेवा पूर्ववत शुरु हो चुकी है़ कुछ डिपो में पूर्ण क्षमता से फेरियां नहीं चल रही है़, तो कुछ डिपो में अधिकतम फेरियां शुरू कर दी गई हैं. वर्तमान में विवाह समारोह का सीजन होने से नियमित आय भी अच्छी बताई गई हैं. जिले में प्रतिदिन 650 के करीब फेरियां चलने की जानकारी है़ ग्रामीण अंचल में भी लालपरी दौड़ रही है़ इससे ग्रामीण नागरिकों को काफी राहत मिली है.
वेतन न मिलने से कर्मी चिंतित
उल्लेखनीय है कि लगातार पांच माह तक कर्मचारी हड़ताल पर डटे हुए थे़ परिमणावश उन्हें इन पांच माह का वेतन न देने का निर्णय लिया गया है़ वेतन न मिलने से अनेकों के परिवार आर्थिक अड़चन में आ गए हैं. इससे कर्मियों में चिंता दिखाई दे रही.