वर्धा. एसटी कर्मियों की हड़ताल (ST Workers Strike) पांचवें दिन भी शुरू रही़ 31 अक्टूबर को एक भी डिपो से एसटी नहीं दौड़ी. परिणामवश वर्धा रापनि को अब तक 1 करोड़ 10 लाख रुपए का नुकसान हुआ है़ दूसरी ओर एसटी सेवा बंद होने से यात्रियों के बेहाल हो रहे है़ं बता दें कि 27 अक्टूबर से एसटी के कर्मियों ने अपनी न्यायिक मांगों के लिए बेमियादी अनशन शुरू किया.
परंतु दूसरे दिन आंदोलन ने आक्रामक रूख अपनाया़ आंदोलनकारियों ने एसटी सेवा ही ठप कर दी़ गुरुवार को कर्मचारी संगठन में गुटबाजी उभरी. एक संगठन ने कुछ मांगें मान्य होने पर आंदोलन पिछे लेने की बात कही़ वहीं दूसरे गुट ने रापनि का राज्य सरकार में विलीगीकरण करने की मांग धरे रखी़ साथ ही एक भी बस डिपो से बाहर नहीं निकलने देने का ऐलान कर दिया़ परिणामवश पिछले पांच दिनों से एसटी सेवा शतप्रतिशत बंद है़ इसका भारी खामियाजा वर्धा रापनि को उठाना पड़ रहा है.
प्रतिदिन 22 लाख की आय का नुकसान
पांच डिपो से जिले में प्रतिदिन 22 लाख के करीब एसटी की आय है़ परंतु हड़ताल के कारण पिछले पांच दिनों में एसटी को 1 करोड़ 10 लाख रुपए का नुकसान उठाना पड़ा है़ दूसरी ओर एसटी सेवा बंद होने से आम यात्रियों को काफी परेशानी हो रही है़ राज्य सरकार से इस ओर गंभीरता से ध्यान देकर आंदोलन को खत्म करने की मांग नागरिक कर रहे है़ं दीपावली के त्योहार में एसटी बंद होने के कारण यात्रियों को आवागमन में दिक्कतें आ रही है.