वर्धा. राज्य परिवहन निगम की ओर से कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि का फैसला बुधवार लिया गया़ जिसके बाद कर्मचारियों को स्थानीय प्रशासन द्वारा ड्यूटी पर लौटने के आदेश दिए थे, लेकिन गुरूवार को कर्मचारी आंदोलन पर अटल रहे़ जब तक रापनि का सरकार में विलीनीकरण नहीं किया जाता तब तक आंदोलन जारी रहेगा, ऐसी भूमिका कर्मचारियों ने ली है़ एसटी बंद रहने से ग्रामीणों को यात्रा करने में दिक्कतें पैदा हो गई हैं.
आज भी ग्रामीण क्षेत्र एसटी पर शत प्रतिशत निर्भर हैं, लेकिन दीपावली के समय से शुरू कर्मचारियों की हड़ताल समाप्त होने का नाम नहीं ले रही़ कर्मचारियों की मांगें पूर्ण करने राज्य सरकार लगातार नाकाम साबित हो रही है़ ऐसे में 1 से 10 वर्ष सेवा देने वाले कर्मचारियों के वेतन में 5 हजार, 10 से 20 वर्ष सेवा देने वाले कर्मचारियों के वेतन में 4 हजार तथा 20 वर्ष से ज्यादा सेवा देने वाले कर्मचारियों के वेतन में 2 हजार 500 रुपयों से वृद्धि की गई़, लेकिन कर्मचारियों का कहना है कि हमें वेतनवृद्धि अमान्य है़ जल्द से जल्द सरकार में रापनि का राज्य सरकार में विलीनीकरण करना चाहिए.
आंदोलन को 29 दिन पूर्ण
एसटी कर्मचारियों ने 28 अक्टूबर को आंदोलन शुरू किया था़ हड़ताल के चलते 29 दिन तक एसटी के पहिये रुके हैं. जिले में वर्धा, पुलगांव, आर्वी, हिंगनघाट, तलेगांव इन 5 डिपो में 1 हजार 650 कर्मचारी कार्यरत हैं. सभी डिपो का कुल मिलाकर प्रतिदिन का उत्पन्न 25 लाख है़ डिपो बंद रहने से अब तक करोड़ों रुपयों का नुकसान हो रहा है.
कर्मचारियों पर कार्रवाई जारी
गुरूवार की शाम तक किसी भी कर्मचारी पर कार्रवाई नहीं की गई थी़, लेकिन डिपो प्रशासन ने कर्मचारियों को काम पर लौटने के आदेश दिए हैं. इस दौरान 61 कर्मचारियों को निलंबित किया़, जबकि 57 रोजंदारी कर्मचारियों की सेवा समाप्त की गई है.