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वर्धा. जिले के आर्वी, आष्टी शहीद, कारंजा घाड़गे सहित वर्धा तहसील के कुछ हिस्सों में संतरे का बड़े पैमाने पर उत्पादन किसान लेते है़ं  वर्तमान में अंबिया मौसम के फल पेड़ों पर लगे है. परंतु बदलते मौसम के कारण मार्केट में संतरे की मांग अल्प है. वहीं बड़े व्यापारी जिले से संतरे की खरीदारी नहीं कर रहे. इस बात का लाभ उठाते हुए स्थानीय व्यापारी कौड़ियों के दाम संतरे की खरीदी कर रहे है. वहीं दूसरी ओर दाम बढ़ने की उम्मीद से किसान संतरे को नहीं तोड़ रहे. परिणामवश बदलते मौसम के कारण पेड़ से फल झड़कर नीचे गिर रहे है़. इसमें किसानों का भारी नुकसान होने से उनकी चिंता और बढ़ गई है.

बता दें कि जिले के संतरा उत्पादक किसान प्रति वर्ष प्राकृतिक आपदा का सामना कर रहे है. पिछली बार मृग नक्षत्र में भी संतरे का भारी नुकसान हुआ था. इस बार मई माह में अंबिया बार का संतरा जिले में लिया गया. अंबिया बार के संतरे अक्टूबर में मार्केट में आते है़ं  इस बार जिले में अंबिया बार की उपज अच्छी रही है. आर्वी, आष्टी शहीद, कारंजा घाड़गे और वर्धा तहसील में संतरा उत्पादक किसानों ने अच्छी फसल ली है. परंतु इन दिनों बदलते मौसम के कारण अंबिया बार के फलों को मार्केट में अधिक मांग नहीं रहती.

बाहरी प्रांत से जिले में नहीं आ रहे व्यापारी

दूसरी ओर बाहरी प्रांत से आने वाले बड़े व्यापारी वर्धा में नहीं आते़  वे सीधे अमरावती जिले से बड़े पैमाने में संतरे का माल उठाते है. जिले में बड़े व्यापारी न पहुंचने से किसानों को मजबूरन स्थानीय व्यापारियों को संतरा बेचना पड़ रहा है. परंतु मार्केट में संतरे की मांग कम होने से स्थानीय व्यापारी कौड़ियों के दाम संतरे की खरीदारी कर रहे है़. वहीं उचित मूल्य न मिलने से किसान संतरे की फसल बेचने से कतरा रहा है. इस चक्कर में काफी दिनों तक फल पेड़ पर रहने से मौसम की मार पड़ रही है. ऐसे में फल झड़कर जाने से नीचे गिर रहे है. इसमें किसानों का भारी नुकसान हो रहा है.

कीट व मक्खियों का बढ़ता जा रहा संकट

उल्लेखनीय यह कि काफी दिनों तक फल पेड़ पर होने से वे गलकर नीचे गिर रहे है. नीचे गिरे हुए फल सड़ जाने से इसमें कीट व मक्खियां तैयार हो रही है. इसका असर पेड़ पर लगे फल तथा मृग बार पर होने का डर किसानों को सता रहा है. इसका प्रबंधन कैसे करे, यह समस्या किसानों के सामने खड़ी हो गई है. लागत खर्च भी न निकल पाने से संतरा उत्पादक किसान आर्थिक संकट में घिर गया है.