देवली (सं). किसान निरंतर प्राकृतिक आपदाओं का सामना खेती में कर रहे है़ फसलों के नुकसान की वजह से किसानों को भारी नुकसान हो रहा है़ इस वर्ष कपास का उत्पादन कम हुआ है. ऐसे में किसानों ने कपास के भविष्य में रेट बढ़ेंगे, ऐसी आस लगाकर कपास को स्टाक घर में करके रखा था़ लेकिन कपास के दाम बढ़ने की कोई गुंजाइश नहीं दिखने से मजबूरन मार्केट में बेचने ला रहे है़ं कपास की आवक बढ़ने से रेट और गिराए जा रहे है, जिससे किसानों की चिंता बढ़ गई है.
शुरुआत में कपास के दाम 9,000 रुपए प्रति क्विंटल के ऊपर चले गए थे़ इससे किसानों को कपास के दाम 10,000 रुपए प्रति क्विंटल तक जाने की आशा थी़ लंबे समय तक प्रतीक्षा करने के बावजूद कपास के दाम बढ़ने की बजाए कम हुए है़ कपास के दाम इन दिनों 7,500 रु प्रति क्विंटल हो गए है़ आधा मई महीना बीत गया है़ ऐसे में किसानों को खेती कार्य करना जरूरी हो गया है़ आने वाले 15 दिनों में किसानों को बीज खरीदी करने के लिए रुपए की जरूरत पड़ने वाली है़ ऐसे में कपास मजबूरन बेचने के लिए किसान मार्केट में ला रहे है़ लेकिन रेट कम मिलने से किसानों का नुकसान हो रहा है.
किसानों का हो रहा आर्थिक नुकसान
बाजार में कपास को प्रति क्विंटल 8 हजार रुपए से भी कम रेट मिल रहा है़ खेत में खेती कार्य करने की सख्त जरूरत है़ साथ ही आगामी दिनों में बीज, खाद व अन्य जरूरी खेती उपयोगी सामग्री की खरीदी करनी पड़ेगी़ इसके लिए रुपए की जरूरत है़ इससे इन दिनों बाजार समिति में किसान कपास बेचने के लिए ले जा रहे है़ं उन्हें प्रति क्विंटल के पिछे 1 हजार का नुकसान उठाना पड़ रहा है.
4 से 5,000 क्विंटल की आवक
देवली कृषि उपज बाजार समिति में प्रतिदिन 4 से 5 हजार क्विंटल कपास की आवक हो रही है़ आने वाले दिनों मे यह कपास की आवक बढ़ेगी, ऐसी संभावना जताई जा रही है़ कपास बेचने में किसानों का निरंतर नुकसान हो रहा है़ इस स्थिति में सरकार से उचित कदम उठाकर किसानों को राहत देने की ऐसी मांग की जा रही है.