नहीं मिल रहा ट्रैफिक सिग्नल्स प्रोग्राम, परिक्षण के बाद नप ने भेजा यातायात विभाग को पत्र

    Loading

    वर्धा. शहर के मार्गों पर ट्रैफिक की समस्या दिनोंदिन गंभीर होते जा रही है़ नियमों के अभाव में कोई भी कहीं से भी वाहन लेकर गुजरता है़ जिससे आएं दिन मार्गों पर छोटे-बड़े हादसे घटते रहते है़ं हाल ही में नगर परिषद ने ट्रैफिक सिग्नल्स का परीक्षण कर यातायात विभाग को पत्र भेजकर नियोजन के लिए प्रोग्राम की मांग की़  किंतु, कोई जवाब नहीं मिलने के कारण ट्रैफिक सिग्नल्स का मुद्दा अधर में अटका है. 

    यातायात विभाग की उदासीनता

    बजाज चौक, छत्रपति शिवाजी महाराज चौक तथा आर्वी नाका के बंद ट्रैफिक सिग्नल्स हाल ही में शुरू किए गए है़ं चौराहों पर ट्रैफिक संबंधित समस्याएं बढ़ने के कारण यातायात विभाग द्वारा इसे शुरू करने की निरंतर मांग की जा रही थी़ सोलर पैनल कंट्रोलर नहीं मिलने से सिग्नल्स शुरू करने में परेशानी आ रही थी़ जिससे हाल ही में वायरिंग बदलकर ट्रैफिक सिग्नल्स शुरू कर दिए है़ं हालांकि, यातायात विभाग की ओर से ट्रैफिक प्रोग्राम का नियोजन नहीं मिलने के कारण सिग्नल्स अभी भी बंद ही है़.

    सिग्नल्स शोपीस बनने की चर्चा

    पिछले सप्ताह बजाज चौक, छत्रपति शिवाजी महाराज चौक, आर्वी नाका चौक पर ट्रैफिक सिग्नल्स शुरू हुए थे़ इसके बाद वहां उपस्थित पुलिस कर्मचारियों की उपस्थिति में पालन भी हुआ़  लेकिन ट्रैफिक सिग्नल्स पुन: बंद किए गए है़ं नप ने पत्र के माध्यम से कितनी सेकंड लाइट्स शुरू रखना बंद करना आदि प्रोग्राम यातायात विभाग से मांगा है़  किंतु, वह नहीं मिलने के कारण बंद है़ शहर में पुन: लगाएं सिग्नल्स शोपीस हैं. यह शुरू नहीं होंगे, ऐसी नागरिकों में चर्चाएं है़.

    पहले जैसा हो अमल

    कुछ वर्ष पूर्व शहर में ट्रैफिक नियमों का कड़ाई से अमल शुरू हो गया था़ तीनों चौराहों पर ट्रैफिक सिग्नल्स शुरू किए थे़ साथ ही मेन रोड से सटे विभिन्न मार्गों पर वन वे नियम लागू किए थे़ कोई नियमों का उल्लंघन करने पर उस पर कार्रवाई होती थी़ जिससे शहर की ट्रैफिक अनुशासित हो गई थी़ किंतु, इसके बाद भूमिगत गटर योजना के कार्य के साथ ही मार्गों की मरम्मत का कार्य शुरू होने से यातायात विभाग ने बनाई व्यवस्था तहस-नहस हो गई, जो अबतक नहीं बनी है.

    निरंतर खर्च हो रहा बेकार

    ट्रैफिक सिग्नल्स पर इसके पहले निरंतर खर्च होते रहा है़ किंतु, सिग्नल्स शुरू करने के बाद कुछ न कुछ बाधा निर्माण होती ही है़ पिछली बार सिग्नल्स पर किया खर्च मार्गों के निर्माण कार्य की वजह से बेकार गया़ अब निर्माण कार्य संबंधित कोई दिक्कत नहीं रहने से चौराहों पर सिग्नल्स शुरू करने की मांग जोर पकड़ रही है.