वर्धा. सस्ता अनाज राशन दूकानदार की जांच करने की मांग को लेकर राशन कार्ड धारक ग्रामीणों ने गत चार दिनों से बेमियादी अनशन शुरू किया था. इस दौरान शुक्रवार को विधायक दादाराव केचे की मध्यस्थता से जांच का आश्वासन मिलने के बाद ग्रामीणों ने आश्वासन समाप्त किया. आष्टी तहसील कार्यालय के सामने आबादकिन्ही स्थित राशन कार्ड धारकों ने 23 नवंबर से बेमियादी अनशन शुरू किया था. आबाद किन्ही स्थित राशन दूकानदार की गहरी जांच करने की मांग की गई थी. ग्रामीणों का आरोप था कि आबादकिन्ही स्थित राशन दूकानदार ने कार्ड धारकों से कम अनाज लेकर अधिक पैसे लिए. कुछ ग्राहकों के अंत्योदय कार्ड होकर उन्हें पीएचएच का अनाज दिया.
विगत 4 दिनों से अनशन चल रहा था
नि:शुल्क अनाज गायब करने, फर्जी आरसी बनाकर परिवार के नाम पर फेरफार करने, कार्ड बनाने के लिए पैसों की मांग करने का आरोप लगाया गया था. इस कारण राशन दूकानदार पर कार्रवाई करने की मांग की गई. चार दिनों से अनशन जारी था. इस दौरान 24 नवंबर को आपूर्ति विभाग के अधिकारी जिला आपूर्ति अधिकारी का पत्र लेकर वहां पहुंचे, लेकिन हल नहीं निकला. इस दौरान 26 नवंबर को विधायक केचे की मध्यस्थता से अनशन समाप्त हुआ.
7 दिनों में प्रस्ताव पेश करने का आश्वासन
दूकानदार की जांच कर सात दिन के भीतर प्रशासन को प्रस्ताव प्रस्तुत करने का आश्वासन दिया, जिससे अनशन समाप्त किया गया. उक्त समय विधायक दादाराव केचे, पूर्व सांसद सुरेश वाघमारे, नीलेश देशमुख, सभापति रेखा मतले, जिप सदस्य छाया घोडिले, अशोक विजयकर, कमलाकर निंभोरकर, यादव मडावी, दिलीप झामडे, अरुण घोडिले, नीरज भार्गव, योगेंद्र मतले, प्रशांत काकपुरे, संजय ठाकरे, राजू खरडे, मनोज बिटने, महादेव बिटने, मारोती बिटने, ताराचंद धुर्वे, पुंडलिक चंदीवाले उपस्थित थे.