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    • 14.85 करोड का संभावित खर्च

    वर्धा. गर्मी के दिनों में संभावीत जलसंकट को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन ने अब तीसरें चरण के कृति प्रारुप को भी मंजूरी प्रदान कर दी है़. इसमें 227 गांवों में 436 उपाययोजना के काम बताये गए है़. जिले में इस बार कुल 524 गांवों में जलसंकट के आसार बताये गए है़. दूसरें व तीसरें चरण में कुल 1087 उपायायोजना पर जोर दिया जाएंगा़ इस पर करिब 14 करोड 85 लाख 21 हजार का संभावित खर्च बताया गया है़. 

     बता दें कि, संभावित जलसंकट से निपटने के लिए प्रतिवर्ष तीन चरणो में कृति प्रारुप तैयार किया जाता है़. प्रथम चरण में उपाययोजना की जरुरत नहीं गिरी़ किन्तु जनवरी से मार्च तीन माह के लिए दूसरें चरण में 297 गांवों में 651 उपापयोजना का प्रारुप तैयार किया गया़. इसे 25 फरवरी को जिलाधिकारी ने मंजूरी प्रदान की थी़, आवश्यकता के अनुसार काम पुर्ण करने के निर्देश दिये गए थे़, वहीं तीसरें चरण में अप्रैल से जून तीन माह के लिए प्रारुप को भी जिलाधिकारी प्रेरणा देशभ्रतार ने मंजूरी प्रदान कर दी है़. गत वर्ष अच्छी बारिश होने से इस बार गर्मी के दिनों में लोगों को जलसंकट का सामना नहीं करना पडेंगा, ऐसा कहा जा रहा है़ किन्तु कुछ क्षेत्र में हरसाल गर्मी में जलसंकट की स्थिति पैदा होती है़. वर्ष 2019 में जिले पर भिषण जलसंकट की नौबत आ गई थी़ सभी जलाशय लगभग सुख चुके थे़. परंतु इसके बाद जिले में अच्छी वर्षा दर्ज होने से गत दो वर्ष से गहरे जलसंकट का सामना लोगों को नहीं करना पड रहा है़. वर्तमान में जिले के जलाशयों में संतोषजनक जलभंडारण बताया गया़ किन्तु कुछ गांव ऐसे हैं, जहां स्थिति गंभीर हो सकती है़ ऐसे ठिकाणों पर ग्रामीणों को राहत देने के लिए प्रशासन द्वारा कृति प्रारुप तैयार किया जाता है़. जिप के ग्रामीण जलापूर्ति विभाग द्वारा जनवरी से जुन दूसरे व तीसरें चरण का प्रारुप तैयार कर लिया है़ जिसे मंजूरी भी मिल चुकी है़. इसमें कुल 524 गांवों में 1087 उपाययोजना चलायी जाएगी़. इस पर साडेचौदा करोड का संभावित खर्च बताया गया़ इन कामों में निजी कुओं का अधिग्रहण, सार्वजनिक कुओं का गहराईकरण, नल जलापूर्ति विशेष दुरुस्ती, बोरवेल निर्माण व दुरुस्ती, टैंकर व बैलबंडी से जलापूर्ति तथा अन्य कामों का समावेश किया गया है़. 

    फाईल फोटो

    192 निजी कुओं का अधिग्रहन

    जिले में संभावित जलसंकट को ध्यान में रखते हुए उपाययोजना की जाएगी़ इसमें 124 गांवों में 235 सार्वजनिक कुओं का गहराईकरण तथा 177 गांवों में 192 निजी कुओं का अधिग्रहन किया जानेवाला है़ इसके अलावा नल योजना व बोरवेल विशेष दुरुस्ती के काम पर भी ध्यान दिया जाएगा़ 

    12 गांवों में टैंकर से जलापूर्ति

    प्रारुप के अनुसार जिले के 12 गांवों में जलसंकट अधिक गहराने की आशंका है़ परिणामवश इन गांवों में टैंकर अथवा बैलबंडी से जलापूर्ति की नौबत आ सकती है़ इसके लिए 12 टैंकर तथा बैलबंडी की व्यवस्था की गई है़ कुछ गांवों में मई व जून माह में जलसंकट गहराने की आशंका है़ 

    पाइंटर

    124 सार्वजनिक कुओ का गहराईकरण

    192 निजी कुओं का अधिग्रहण

    320 नल योजना दुरुस्ती के काम

    289 बोरवेल के निर्माण पर ध्यान

    39 बोरवेल की विशेष दुरुस्ती