Citizens troubled by bad settlements, mud, dirt in division 3

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    • करोड़ों रू. के विकास कार्य के बावजूद भी प्रभागों में नहीं बने रोड

    मानोरा. इस वर्ष बारिश ने दमदार हाजीरी लगाने के बाद शहर के प्रशासन की पोल खोल दी है. विधायक निधि से करोड़ों रुपए की लागत से बने रोड एवं नालियों की हालत दयनीय हो गई है. करोड़ों रुपए की निधि से शहर की कौन सी गल्ली के रोड बनाए? ऐसा सवाल नागरिकों द्वारा किया जा रहा है. गल्लीयों की रोड की अवस्था देखकर शहर का विकास कहां खो गया? ऐसा सवाल नागरिक पूछ रहे हैं.

    पालिका क्षेत्र में रहनेवाली सफाई, नालियां, सड़के जैसी मूलभूत सुविधाओं के अभाव का सामना करना पड़ रहा है. सूचित करने पर भी समस्याओं के निराकरण के लिए कोई तकलीफ नगराध्यक्ष, मुख्याधिकारी, पार्षद नहीं उठा रहे. ऐसा आरोप शहरवासियों द्वारा किया जा रहा है. प्रभागों में की बारिश से सड़कें उखड़ गई है. नालियों में लबालब कीचड़ भरा हुआ है. सर्वत्र गंदगी का आलम दिखाई दे रहा है. परिणाम स्वरूप शहर में बीमारियों का फैलाव तेजी से हो रहा है. 

    आवारा मवेशियों का आतंक 

    शहर के अधिकांश क्षेत्रों में आवारा मवेशी घूमते रहते हैं. जिससे नागरिकों की जान पर खतरा तथा यातायात में बाधा उत्पन्न हो रही है. मवेशियों के साथ सूअर, आवारा कुत्ते पकड़कर रखने के लिए बनाया गया कांजी हाउस कहां खो गया? ऐसा नागरिकों में सवाल किया जा रहा है.

    साफ सफाई पर ध्यान नहीं 

    सड़कों व नालियों की सफाई की ओर नगर पंचायत प्रशासन का ध्यान ना रहने से बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है. सफाई के बारे में कोई नियोजन ना रहने से नालियों से निकाला गया कचरा सड़क के किनारे रखा जाता है. उसकी बदबू से सड़क से आने जाने वाले नागरिकों को तकलीफ हो रही है. नगर पंचायत का जिम्मेदार अधिकारी अपना कर्तव्य नहीं निभा रहा है. जिसका खामियाजा आम नागरिकों को भुगतना पड़ रहा है.

    कीटनाशक दवाओं का छिड़काव कब होगा? 

    शहर में बड़े पैमाने पर मच्छरों की संख्या बढ़ गई है. शहर मलेरिया बुखार डेंगू जैसी बीमारियों से पनप रहा है. शहर के आधे परिसर में दवा का छिड़काव किया गया. आधा परिसर छोड़ दिया गया है. शहर वासियों द्वारा दवा का छिड़काव करने की मांग की जा रही है. 

    नगर पंचायत का शौचालय बना शोपीस 

    नगर पंचायत द्वारा शहर में एक ही शौचालय है. और वह भी शौचालय 24 घंटे ताले में बंद पड़ा रहता है. जिसकी वजह से परिसर के लोगों को शौचालय के नजदीक अरुणा वती नदी का सहारा लेने का काम पड़ रहा है. जिससे पूरे नदी को गंदा करने का काम ऐसा लगता है नगर पंचायत द्वारा किया जा रहा है.