जिले में 95 हजार किसान खातों का ऑडीट, नियमित कर्ज चुकानेवाले किसानों को ही मिलेंगा 50 हजार का अनुदान

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    यवतमाल. जिले में हजारों किसानों पर फसल कर्ज बकाया होने से किसान खातों का ऑडीट करने के बाद ही महात्मा ज्योतीबा फुले किसान प्रोत्साहन योजना के तहत अनुदान का लाभ दिया जाएंगा. इसके लिए प्रशासन और बैकींग स्तर पर जिले के किसानों के बैंक खातों का ऑडीट किया जा रहा है. अब तक जिले में 95 हजार किसानों के बैंकों के लेनदेन का ऑडीट किया गया है.

    इसी बीच उपरोक्त योजना के तहत आगामी 15 सितंबर तक किसानों के खातों में प्रोत्साहन के तहत सबसिडी की राशि जमा की जाएंगी, इस योजना के पात्र किसानों के खातों का ऑडीट होने के बाद सितंबर के पहले सप्ताह में पैसे उनके खातों में जमा होंगे.

    म.फुले कर्जमाफी योजना में किसानों कों 50 हजार रुपयों का अनुदान दिया जाएंगा, इसे अदा करने से पहले जिला बैं को कर्जधारक किसानों के खातों को ऑडीत करने की सुचना दी गयी थी, जिसके बाद जिला बैंक ने 2018 से 2020 इन तीन सालों के खाताधारकों के खतों की जांच की, इसमें नियमित तौर पर कर्ज अदायगी करनेवाले किसानों को अनुदान का पात्र ठहराया जाएंगा, हालांकी 3 सालों में लिए फसल कर्ज में 2 सालों का अदा करने पर भी इस योजना के अनुदान के लिए किसान पात्र होंगे.

    इन किसानों के नामों की सुची तैयार करने का कार्य बैंक इन दिनों कर रहे है. बता दें की जिला बैंक और राष्ट्रीय बैंक मिलाकर कुल डेढ लाख किसान इस योजना में शामिल है. इनमें जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक के खाताधारक किसानों के खातों का ऑडीट फिलहाल जारी है. इनमें सरकारी नौकरी और बडा वेतन लेनेवाले और पुर्व सैनिक किसान परिवारों से जुडे लोग योजना में शामिल नही किए गए है.

    इसके अलावा पेंशनधारक किसानों को भी इस प्रोत्साहन का लाभ नही मिलेंगा, इसी के कारण किसानों के खातों की जांच बैंकों द्वारा की जा रही है, इसके बाद ही म.फुले कर्जमाफी योना के अनुदान राशि को जमा किया जाएंगा.

    जिले में किसानों के आधार नंबर की अपने बैंक खातों से जोडना जरुरी है,जीन किसानों के आधार लिंक है, उनके ही प्रोत्साहन की राशि खातों में जमा होंगी, जिससे किसान अपने खातों को आधार से जोडें, एैसी जानकारी अर्चना जिला उपनिबंधक अर्चना मालवी ने दी है.

    उल्लेखनिय है की जिले में बिते अनेक सालों से किसानों पर प्राकृतिक आपदा की मार पड रही है, जिससे जिले के किसानों में हताशा का माहौल है, इसमें सरकारी स्तर पर विभीन्न मानक तय करते हुए ही किसानों को प्रोत्साहन राशि, नुकसान राशि और फसल कर्ज अदायगी का सिलसिला जारी है, इन कारणों से भी किसान आर्थिक संकट में घीर चुके है. फिलहाल जिले में अतिवृष्टी से नुकसानग्रस्त फसलों का सर्वे कार्य, पंचनामा और नुकसान मुआवजा के लिए सरकार के पास प्रस्ताव भेजा जा रहा है.

    इससे पहले राज्य सरकार प्रति 3 हेक्टेयर पर किसानों को नुकसान मुआवजा राशि की घोषणा कर चुकी है, लेकिन जिले में अल्पभुधारक किसानों की संख्या अधिक है, एैसे में राज्य सरकार की प्रति 3 हेक्टेयर के हिसाब से राशि देने की घोषणा से आखिरकार अल्पभुधारक किसानों को कितनी नुकसान मुआवजा राशि मिलेंगी, इस पर फिलहाल संभ्रम की स्थिती बनी हुई है.