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    यवतमाल. आगामी खरीफ सीजन को लेकर प्रशासन ने तैयारी शुरू कर दी है. हाल ही में जिलाधिकारी ने बैंकर्स कमेटी की बैठक बुलाई थी. खरीफ सीजन के प्रस्ताव प्रस्तावित किए गए हैं और प्रस्ताव को अंतिम मंजूरी के लिए राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति को भेजा गया है. इस प्रस्ताव को जल्द ही मंजूरी मिलने की उम्मीद है. लक्ष्य निर्धारित करने के बाद ऋण वितरण शुरू होगा. हालांकि, प्रशासन को राष्ट्रीयकृत बैंकों द्वारा ऋणों के वितरण को कारगर बनाने के लिए आवश्यक कदम उठाने होंगे.

    खरीफ सीजन के दौरान जिले में नौ लाख हेक्टेयर से अधिक खेती की जाती है. किसानों के पास खेती के लिए कर्ज लेने के अलावा कोई विकल्प नहीं है. ऐसे में किसान बैंकों में चक्कर लगाते है. इससे पहले बैंकों को फसलकर्ज आवंटित करने का लक्ष्य दिया जाता है. इसी सिलसिले में हाल ही में जिलाधिकारी अमोल येडगे की अध्यक्षता में बैंकर्स कमेटी की बैठक हुई थी. पिछले साल के फसलकर्ज के वितरण की तुलना में खरीफ सीजन के दौरान ऋण वितरित करने की योजना है. जिला स्तरीय कमेटी ने इसे मंजूरी दे दी है. इस बीच, आगे की मंजूरी के लिए एक प्रस्ताव राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति को भेजा गया है. 

    पिछले साल बैंकों को 2,000 करोड़ रुपये का लक्ष्य दिया गया था. फिर भी, ऋण वितरण में राष्ट्रीयकृत बैंकों की गति धीमी थी. उसके बाद जिलाधिकारी ने बैंकों को ज्यादा से ज्यादा फसलकर्ज बांटने का अल्टीमेटम दिया था. इसके बाद बैंकों ने फसलकर्ज के वितरण की गति को काफी तेज कर दिया था. हालांकि, राष्ट्रीयकृत बैंकों की नीति फसलकर्ज के वितरण में एक रोड़ा बनी हुई है. बैंकों की इस नीति के खिलाफ किसान अक्सर नारेबाजी करते हैं.

    फिर भी, पिछले साल, राष्ट्रीयकृत बैंकों ने अपने फसलकर्ज का केवल 50 प्रतिशत ही वितरित किया. इसकी तुलना में, जिला मध्यवर्ती बैंक ने 95 प्रतिशत फसलकर्ज आवंटित किए थे. पिछले साल राज्य स्तरीय बैंकर्स कमेटी ने फसल ऋण का लक्ष्य बढ़ाया था. लक्ष्य 2,000 करोड़ रुपये था. इस उद्देश्य के बाद, जिले के बैंकों ने बड़ी मात्रा में फसलकर्ज वितरित किया. फिर भी अमरावती मंडल में यवतमाल को अंतिम स्थान मिला. जिले का प्रदर्शन अन्य जिलों से बेहतर रहा. सभी की निगाहें अब इस पर टिकी हैं कि राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति इस साल जिले को कितने लक्ष्य देगी.

    ज्यादा से ज्यादा कर्ज वितरण का प्रयास

    खरीफ सीजन में किसानों को किसी प्रकार की परेशानी न हो, इसके लिए अभी से फसलकर्ज के वितरण की योजना बनाई गई है. इसकी जानकारी राज्य स्तरीय बैंकर्स कमेटी को भेज दी गई है. इस साल का टारगेट पिछले साल जैसा ही हो सकता है. अधिक से अधिक किसानों को फसलकर्ज उपलब्ध कराने के लिए प्रशासन प्रयास जारी रखेगा.

    - अमोल येडगे, जिलाधिकारी, यवतमाल.

    राष्ट्रीयकृत बैंकों को ऋणों के वितरण में समन्वय करना होगा

    वृद्धिशील लक्ष्यों के बाद ‘मिशन मोड’ पर प्रशासन

    राष्ट्रीयकृत बैंकों के साथ जिला बैंक को खरीफ सीजन के लिए 2,210 करोड़ रुपये का लक्ष्य दिया गया है. पिछले सीजन में जिला बैंक ने लक्ष्य से अधिक फसल ऋण वितरित किया था. इसलिए बढ़े उद्देश्य के बाद प्रशासन मिशन मोड में आ गया. नतीजतन, राष्ट्रीयकृत बैंकों की ऋण देने की स्थिति में काफी सुधार हुआ था. अब प्रशासन को फिर से ऐसे ही कदम उठाने पड़ेंगे. इसके बिना जिला लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाएगा.

     किसानों हर साल करना पड रहा है प्रकृति के प्रकोप का सामना

    हर साल किसानों की जान पर प्रकृति का कहर बरसता है. पिछले साल पहली बार हुई बारिश ने कुछ दिनों तक आराम किया, लेकिन रुक-रुक कर बारिश होती रही. ऐसे में किसानों को दुबारा, तिसरी बार बुवाई करनी पड़ी. इसके बावजूद हजारों किसानों की बुवाई की लागत नहीं बढ़ी है. अब किसानों की नजर इस साल के खरीफ सीजन पर है. इसलिए आने वाला समय ही तय करेगा कि इस साल किसानों का क्या होगा.