
महागांव. महागांव तहसील के काली दौलत में बिजली के झटके से आउटसोर्सिंग कर्मचारी की मौत हो गईं. यह घटना गुरुवार शाम करीब 4 बजे हुई. मृतक आउटसोर्सिंग कर्मचारी की पहचान विट्ठल सीताराम अढ़ाव (उम्र 25) के रूप में की गई है.
आउटसोर्सिंग कर्मचारी विठ्ठल अढाव काली दौलत में वसंतराव नाइक हायर सेकेंडरी स्कूल के परिसर में बिजली के खंभे पर काम कर रहा था. करीब चार बजे अचानक बिजली का प्रवाह शुरू हो गया और करंट लगने से उसकी मौके पर ही मौत हो गयी. घटना की जानकारी मिलते ही काली दौलत के नागरिक घटना स्थल पर पहुंचे.
गुस्साये नागरिकों ने अभियंता से जवाब मांगा, संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर आक्रोशित नागरिकों ने अभियंता काकडे को धक्का दे दिया. घटना की जानकारी मिलते ही दुर्क्षेत्र काली दौलत थाने की एपीआई समेत पुलिस मौके पर पहुंची. मामला बढ़ने पर दंगा नियंत्रण टीम को बुलाया गया. इस समय उपविभागीय पुलिस अधिकारी पंकज अतुलकर, थानेदार राजेश राठौड़ ने मौके पर स्थिति को नियंत्रित किया.
बिजली के खंभे पर काम करते समय अचानक करंट लगने से आउटसोर्सिंग कर्मचारी विट्ठल आढाव की मौत हो गई. उक्त घटना के लिए कनिष्ठ अभियंता काकड़े पूरी तरह से जिम्मेदार हैं और जब कनिष्ठ अभियंता के मार्गदर्शन में काम चल रहा है तो बिजली कैसे चालू की गई? यह सवाल नागरिकों ने पूछा है. इसलिए उक्त घटना में जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए.
सुनील टेमकर (काली दौलत खान)
करंट लगने से लाईनमैन की मृत्यु
पुसद. बिजली आपूर्ति सुचारू करने का काम करनेवाले लाईनमैन की करंट लगने से मौत हो गई. इस घटना से चहुंओर सनसनी मच गई. लाईनमैन की मृत्यु को लेकर बिरसा ब्रिगेड ने आक्रमक तेवन अपनाते हुए पुलिस प्रशासन सहित महावितरण को आडे हाथ लिया. आखिरकार मृतक के रिश्तेदारों को चार लाख रुपयों की मदद के साथ ही मृतक की पत्नी को पेंशन लागू करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया.
16 नवंबर की दोपहर में काली दौलतखान में बिजली विभाग कार्यालय में आउटसोर्सिंग के माध्यम से लाईनमैन का काम करनेवाले विट्ठल अढाव की बिजली के पोल पर ही अचानक विद्युत प्रवाह शुरू होने पर करंट लगने से मौत हो गई. इस घटना के बाद बिरसा ब्रिगेड ने आक्रमक तेवर दिखाते हुए मृतक की पत्नी को नौकरी देने, चार लाख की तत्काल मदद देने सहित दोषी आरोपियों पर कार्रवाई करने की मांग उठायी. इन मांगों को लेकर महावितरण कार्यालय के सामने आंदोलन किया गया.
बिरसा ब्रिगेड के विदर्भ अध्यक्ष पांडुरंग व्यवहारे, विठ्ठल मिरासे, पंकज वंजारे, आशिष बोके, देवानंद अंभोरे, शरद काळे, संतोष झिंगरे, आढाव व अन्यों ने आक्रमक रूख अपनाया था. वहीं यहां पर सेवानिवृत्त थानेदार मोतीराम बोडखे, विधायक इंद्रनील नाईक, सुनिल ढाले ने सहभाग लेकर समर्थन दिया था. बिजली विभाग के अधिकारियों ने आंदोलन स्थल पर जाकर आंदोलनकारियों की सुनने के बाद आश्वासन दिया और तुरंत मदद दी. जिसके बाद परिजनों ने मृतक का अंतिम संस्कार निपटाया.