यवतमाल. खेत में काम करते समय या कहीं और, परिवार में काम करने वाले किसान की विकलांगता या मृत्यु के कारण किसान परिवार तबाह हो जाता है. इसके लिए सरकार ने गोपीनाथ मुंडे किसान दुर्घटना बीमा योजना शुरू की. किसानों को इस योजना का लाभ जल्दी मिले, इसके लिए जिले की नियुक्त बीमा कंपनी संवेदनशील होकर प्रकरणों का निराकरण करें तथा लंबित प्रकरणों का तत्काल निराकरण करें. जिलाधिकारी अमोल येडगे ने कृषि विभाग को किसानों को योजना के बारे में सूचित करने के लिए एक पखवाड़ा आयोजित करने का भी निर्देश दिया.
जिलाधिकारी द्वारा आज जिलाधिकारी कार्यालय में गोपीनाथ मुंडे किसान दुर्घटना बीमा योजना की समीक्षा की गयी. गोपीनाथ मुंडे किसान दुर्घटना बीमा योजना में वर्ष 2019-20 में 14 मामले लंबित हैं, वर्ष 2020-21 में 10 मामले लंबित हैं और वर्ष 2021-22 में लंबित 198 मामलों में से 107 मामले लंबित हैं. इन सभी लंबित मामलों का निपटारा इस माह के अंत तक किया जाना चाहिए. तीन साल में अब तक 109 किसान लाभान्वित हो चुके हैं.
जिलाधिकारी येडगे ने यह भी कहा कि कृषि सहायकों को उन किसानों की जानकारी एकत्र करनी चाहिए जो एक वर्ष से अधिक समय से खेत में हैं और अभी तक ग्राम पंचायत स्तर पर योजना के लिए आवेदन नहीं किया है और किसानों से भी आवेदन करने की अपील की है.
संबंधित योजना के लिए आवेदन करते समय किसानों से पूरा आवेदन लिया जाना चाहिए. किसानों को आवश्यक दस्तावेजों के बारे में सूचित करना और उनसे दस्तावेज समय के भीतर जमा करना चाहिए, इसकी जिम्मेदारी कृषि विभाग और संबंधित बीमा कंपनी को वहन करनी होगी. पूरे मामले तभी आगे बढ़ेंगे जब ब्रोकर कंपनी मामलों की जांच करेगी त्रुटियों के कारण किसानों के मामले लंबित न हों, इसका ध्यान रखा जाए.
यह पाया गया है कि बीमा कंपनी के प्रतिनिधि जिले में नहीं रहते हैं. इसलिए कंपनी के प्रतिनिधि को अब से सप्ताह में तीन दिन यवतमाल स्थित कृषि कार्यालय में उपस्थित रहना चाहिए. जिलाधिकारी ने कहा कि किसानों को इस योजना की जानकारी दी जाए. बैठक में जिला कृषि अधीक्षक नवनाथ कोलपकर सहित बीमा कंपनियों के प्रतिनिधि उपस्थित थे.
क्या है गोपीनाथ मुंडे किसान दुर्घटना बीमा योजना
गोपीनाथ मुंडे किसान दुर्घटना बीमा योजना 10 से 75 वर्ष की आयु के कुल 2 व्यक्तियों के लिए लागू है, किसान परिवार के किसी 1 सदस्य (माता-पिता, किसान की पत्नी, पुत्र और अविवाहित बेटी इनमें से कोई एक) को किया गया है.
इस दुर्घटना के लाभ
इस योजना में सड़क दुर्घटना, रेल दुर्घटना, ऊंचाई से गिरना, पानी में गिरना, विषबाधा, जानवरों के हमले या काटने से मौत, सांप के काटने, बिच्छू के काटने, गाज गिरने, दंगा आदि और इसके परिणामस्वरूप किसान की विकलांगता या मृत्यु शामिल है.
मुआवज़ा
आकस्मिक मृत्यु – 2 लाख रुपए
दुर्घटना के कारण दो आंखों या दो अंगों का काम न करना – 2 लाख रु
दुर्घटना के कारण एक आंख या एक अंग का काम न करना – 2 लाख रुपए
इस योजना का लाभ पाने के लिए क्या करें
दुर्घटना की स्थिति में किसान को तत्काल दुर्घटना की सूचना नजदीकी पुलिस थाने में देनी चाहिए. इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए एक आवेदन शिकायत की एक प्रति के साथ निकटतम कृषि कार्यालय में जमा किया जाना चाहिए.