If there is no reservation, there is no election, resolution of the hunger strikers; Indefinite fast begins at Azad Maidan

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यवतमाल. धनगर समाज को डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर ने अनुसूचित जनजाति के आरक्षण में संविधान के 36वें नंबर पर दर्ज किया है, लेकिन सरकार समय टालने वाली नीति लागू करती दिख रही है. वर्ष 2014 में वर्तमान उपमुख्यमंत्री ने बारामती में घोषणा की थी कि वह पहली कैबिनेट में आरक्षण देंगे. लेकिन अब 2024 का चुनाव आ रहा है, करीब दस साल बीत गए, लेकिन अब तक अपना वादा नहीं निभा रहे हैं.

अब फिर 50 दिन का समय मांग रहे हैं, बार-बार ज्ञापन देने, आंदोलन करने के बाद भी सरकार समाज की सुधि नहीं ले रही है. मोर्चे और आंदोलनों की दखल भी नहीं ली जा रही है. इसके अलावा भेडपालकों के लिए चारागाह क्षेत्र उपलब्ध कराकर देने के लिए यवतमाल से नागपुर तक पदयात्रा करने और 19 दिसंबर को नागपुर विधान सभा पर एक भव्य मार्च आयोजित कर उपमुख्यमंत्री के साथ सकारात्मक चर्चा कर जल्द ही निर्णय लेने का वादा किया गया था.

उस समय वन मंत्री ने चरवाहा भाइयों को भेड़ चराने के लिए स्थायी चारागाह उपलब्ध कराने की घोषणा की थी, लेकिन संबंधित आदेश अभी तक जारी नहीं हुआ है. इस पर सरकार ने 1 अक्टूबर 2023 से पहले ठोस निर्णय लेने का समय दिया था. अब राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती पर सोमवार 2 अक्टूबर 2023 को सुबह 11 बजे से आजाद मैदान यवतमाल में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने पवन थोटे के नेतृत्व में समाज के लोगों ने अनशन प्रारंभ किया है.

धनगर समाज का आरक्षण लागू किया जाए, भेड पालकों को स्थायी रूप से चराई क्षेत्र उपलब्ध कराया जाए, एक रुपए में भेडपालक और भेड का बीमा निकाला जाने की मांग भी अनशनकारियों ने उठायी. इस बेमियादी अनशन में डा. संदीप धवने, श्रीधर मोहोड, राजेश गायनर, वसंत ढोके, संजय शिंदे, पवन थोटे, प्रकाश नवरंगे, सुरेश भावेकर, भास्कर उघडे, सुरेश उघडे, प्रमोद मेटांगे, गणेश पावडे, अशोक मोटके,अनिल गावंडे, अंकुश गलाट, राजीव मुंदाने, ज्ञानेश्वर गोरडे, भास्कर पंडागले, नीलेश गादे, दीपक पुनसे, मुकेश चुडे, नीलेश शेलके, राजेश खांदवे, विजय धानोरकर, राजेश मदने, प्रशांत उघडे, पार्थ शिंदे, राजेश होटे, सुरेश भावेकर, वैशाली मसाल, संगीता गायनार, रेणू शिंदे, शोभा पुनसे, प्रमोदिनी मुंदाने, डॉ. प्रियंका धवने, पांडूरंग खांदवे, हनुमंत फुलसे आदि  मौजूद थे.